खत्म होगा वोटर आईडी का फर्जीवाड़ा! आधार से लिंक करने की बड़ी तैयारी में चुनाव आयोग
चुनाव आयोग ने वोटर आईडी को आधार कार्ड से जोड़ने के फैसले पर अहम बैठक की. मंगलवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की अध्यक्षता में हुई हाई-लेवल मीटिंग में इस मुद्दे पर चर्चा हुई. आयोग ने स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया संविधान और सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के अनुरूप ही लागू की जाएगी.

चुनाव आयोग ने वोटर आईडी को आधार कार्ड से जोड़ने के फैसले पर अहम बैठक की. मंगलवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की अध्यक्षता में हुई हाई-लेवल मीटिंग में इस मुद्दे पर चर्चा हुई. आयोग ने स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया संविधान और सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के अनुरूप ही लागू की जाएगी.
आने वाले महीनों में वोटर आईडी को आधार से जोड़ने का अभियान तेज किया जाएगा. निर्वाचन आयोग ईपीआईसी (EPIC) को आधार नंबर से जोड़ने की प्रक्रिया को संविधान के अनुच्छेद 326, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत संचालित करेगा.
तकनीकी पहलुओं पर मंथन, विशेषज्ञों की सलाह
इस मुद्दे को लेकर जल्द ही यूआईडीएआई (UIDAI) और ईसीआई (ECI) के तकनीकी विशेषज्ञों के बीच परामर्श शुरू होगा. मंगलवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी के साथ केंद्रीय गृह सचिव, विधि मंत्रालय के सचिव, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के सचिव, यूआईडीएआई के सीईओ और चुनाव आयोग के तकनीकी विशेषज्ञों की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई.
संवैधानिक दायरे में होगा सारा काम
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 326 यह स्पष्ट करता है कि मताधिकार केवल भारत के नागरिकों को ही दिया जा सकता है, जबकि आधार कार्ड केवल पहचान प्रमाणित करता है.इस आधार पर आयोग ने निर्णय लिया कि ईपीआईसी को आधार से जोड़ने का कार्य केवल संविधान, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 23(4), 23(5) और 23(6) के प्रावधानों तथा सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुरूप ही किया जाएगा.डब्ल्यूपी (सिविल) संख्या 177/2023 में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को ध्यान में रखते हुए यह प्रक्रिया तय की जाएगी.