Universal Pension Scheme: देश में 'हर किसी को' पेंशन देने की तैयारी, सरकार लाने जा रही यह नई स्कीम
केंद्र सरकार एक ऐसी पेंशन योजना लाने की तैयारी कर रही है जिसके आने के बाद देश में हर कोई पेंशन का हकदार हो सकता है. सरकार की नई योजना लागू होने के बाद असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों को भी पेंशन मिलने का सपना साकार हो जाएगा.

यूनिफाइड पेंशन स्कीम 1 अप्रैल 2025 से लागू होने जा रही है, उसमें सभी सरकारी कर्मचारियों को पेंशन की गारंटी मिलती है. वहीं प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोग पूरी तरह से पेंशन के लिए भारतीय भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ पर निर्भर रहते हैं. और असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के सामने पेंशन के लिए अटल पेंशन योजना जैसी योजनाओं में निवेश के अलावा कोई और विकल्प नहीं होता.
लेकिन अब सरकार एक ऐसी योजना लाने की तैयारी कर रही है जो अगर लागू हो गई तो देश में हर कोई पेंशन का हकदार होगा. सरकार एक यूनिवर्सल पेंशन स्कीम पर काम कर रही है जिसके लागू होने पर असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए यह योजना वरदान साबित हो सकती है क्योंकि वो भी पेंशन के हकदार हो जाएंगे.
असंगठित क्षेत्र के कर्मियों के लिए होगी वरदान
वर्तमान में निर्माण कार्यों, घरेलू नौकरों और गिग वर्कर्स किसी सरकारी पेंशन योजना का हिस्सा नहीं बन पाते हैं. नई योजना से सभी वेतनभोगी कर्मचारियों के साथ ही अपना काम यानी स्वरोजगार करने वाले भी जुड़ सकेंगे.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह योजना सभी के लिए होगी, क्योंकि इसे नौकरी से नहीं जोड़ा जाएगा. इसका मतलब यह है कि अपना काम करने वाले लोग और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों सहित कोई भी व्यक्ति इसमें अपनी तरफ से योगदान कर समय के साथ अपनी पेंशन बना सकता है.
हालांकि, इस नए प्रस्ताव और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) जैसी मौजूदा योजनाओं के बीच एक महत्वपूर्ण अंतर यह है कि नई योजना का लाभ लेने वाले अपनी मर्जी से उसमें योगदान से सकेंगे, और सरकार अपनी ओर से सरकार कोई पैसे नहीं देगी.
NPS की जगह नहीं लेगी नई योजना
नई योजना, जिसे फिलहाल 'नई पेंशन योजना' कहा गया है, मौजूदा राष्ट्रीय पेंशन योजना की जगह नहीं लेगी या उसमें मर्ज नहीं किया जाएगा. प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन (पीएम-एसवाईएम) और व्यापारियों और स्वरोजगार के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस-ट्रेडर्स) जैसी मौजूदा पेंशन योजनाओं को इस नई योजना के साथ मर्ज किए जाने की उम्मीद है. इन दोनों योजनाओं के अंतर्गत रिटायरमेंट के बाद हर महीने 3,000 रुपये तक की पेंशन मिलती है और इसके लिए हर महीने 55 रुपये से 200 रुपये का योगदान देना होता है, और सरकार ही उतना ही योगदान इसमें देती है.