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61.8 करोड़ में बिकी Tyeb Mehta की बुल पेंटिंग, जानें कहां से मिली इसे बनाने की इंस्पिरेशन

तैयब मेहता की बुल पेंटिंग ने इतिहास रच दिया है. यह नीलामी में 61.8 करोड़ में बिकी. तैयब एक फेमस आर्टिस्ट हैं, जिन्होंने मॉर्डन आर्ट के जरिए भारत का नाम रोशन किया है. उन्हें यह बुल पेंटिंग बनानी की इंस्पिरेशन एक बूचड़खाने से मिली थी.

61.8 करोड़ में बिकी Tyeb Mehta की बुल पेंटिंग, जानें कहां से मिली इसे बनाने की इंस्पिरेशन
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( Image Source:  instagram- takeonart )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 4 April 2025 1:19 PM IST

तैयब मेहता वह फेमस मॉर्डनिस्ट हैं, जिन्होंने बैल को अपना सिंबल बना लिया. हाल ही में उनकी 'ट्रस्ड बुल' की पेंटिंग 61.8 करोड़ रुपये में बिकी. यह ग्लोबल लेवल पर नीलामी में बिकने वाली दूसरी सबसे महंगी भारतीय पेंटिंग बन गई. यह नीलामी 2 अप्रैल को मुंबई में सैफरनआर्ट में हुई, जिसमें जंजीर में जकड़े और वशीभूत बैल की पेंटिंग थी. यह अंदाजे से लगभग नौ गुना अधिक कीमत पर बिकी.

कहां से मिली पेंटिंग बनाने की इंस्पिरेशन

तैयब मेहता को इस पेंटिंग बनाने के लिए बूचड़खाने से प्रेरणा मिली. जहां उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि अक्सर लोग जानवरों के पैर बांध देते हैं. इसके बाद उन्हें फर्श पर फेंक देते हैं. यह सब देखकर मुझे बहुत बुरा लगता है.

पहले भी रच चुके हैं इतिहास

यह पहली बार नहीं है, जब तैयब मेहता ने भारत का नाम रोशन किया हो. इससे पहले साल 2002 में टाइम्स ऑफ इंडिया के कलेक्शन से उनकी ट्रिप्टिच 'सेलिब्रेशन' ने एक करोड़ रुपये से ज्यादा में बिकने वाली पहली मॉर्डन इंडियन आर्ट के तौर पर इतिहास बनाया था. साल 2005 में तैयब के महिषासुर पेंटिंग ने 1 मिलियन डॉलर से ज्यादा कमाए थे.

गरीबी में बीते दिन

इस नीलामी से कमाया गया पैसा तैयब के परिवार को मिलेगा, क्योंकि यह पेंटिंग उनके क्लेक्शन से थी. तैयब ने अपनी आधे से ज्यादा जिंदगी एक तंग एक कमरे वाले अपार्टमेंट में गुजारी थी, जिसे वह दिन में स्टूडियो बना देते थे और रात में यह बेडरूम होता था. 1990 के दशक में वह अपनी पत्नी सकीना संग लोखंडवाला में दो बेडरूम वाले घर में रहने लगे. सकीना ने तैयब का बहुत साथ दिया. वह टीचर की नौकरी करती थीं.

कला की ताकत पर रखते थे विश्वास

तैयब मेहता के करीबी अरुण वढेरा ने बताया कि उनके लिए पेंटिंग की ताकत, उसकी कीमतों से कहीं ज़्यादा थी. इससे जुड़ा अरूण ने एक किस्सा सुनाया, जहां उन्होंने बताया कि मेरे ऑफिस में उनकी एक पेंटिंग टंगी रहती थी. एक दिन मेहता उसे ले गए, लेकिन बाद में उसकी जगह कोई और पेंटिंग रख दी. जब अरुण ने पूछा, तो उन्होंने कहा कि उन्होंने पिछली पेंटिंग को फाड़ दिया था, क्योंकि वे उससे खुश नहीं थे.

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