वाइन की कीमत पर हल्दी-हींग, चाव से खाते महंगे बटर चिकन... हर्ष गोयनका ने विदेश में रहने वाले भारतीयों का उड़ाया मजाक
Harsh Goenka On NRIs: देश के RPG एंटरप्राइजेज के चीफ हर्ष गोयनका ने NRIs का मजाक उड़ाया है. उन्होंने देश से विदेश जाकर महंगी लाइफस्टाइल जीने वालों पर तंज कसा है. उन्होंने कहा, गोलगप्पों को मिस करते हुए दुखी क्विनोआ खाते हैं और दीवाली ऐसे मनाते हैं जैसे मेट गाला हो बस सेलेब्रिटी की जगह होती हैं आंटियां जो कि स्वारोवस्की की साड़ी पहनकर पहुंची हैं.

Harsh Goenka On NRIs: भारत के बहुत से नागरिक अच्छी नौकरी और बेहतर भविष्य के लिए विदेशों में जाकर बस जाते हैं. पहले पढ़ाई करने के मकसद से जाते हैं और फिर वहीं के रह के हो जाते हैं. NRIs हमेशा अच्छी विदेशी लाइस्टाइल की तारीफ करते हैं, लेकिन एक समस्या उन्हें विदेशों में भारतीय फूड और प्रोडक्ट्स तक पहुंच की होती है. अब मुंबई की RPG एंटरप्राइजेज के चीफ हर्ष गोयनका ने NRIs का मजाक उड़ाया है.
हर्ष गोयनका ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर NRIs को लेकर एक मजाक उड़ाते हुए पोस्ट की, जिसमें लिखा कि विदेश में रह रहे भारतीय महंगे बटर चिकन और बहुत कुछ खाने के बाद भी खुश रहते हैं. वह विदेश नकली इतालवी लहजे वाले पंजाबी से महंगे बटर खाने जाते हैं.
NRIs पर क्या बोले हर्ष गोयनका?
हर्ष गोयनका ने एक्स पोस्ट में लिखा, भारतीय विदेश जाकर हल्दी और हींग खरीदते हैं, जिनकी कीमत वाइन से भी महंगी होती है. उन्होंने कहा, गोलगप्पों को मिस करते हुए दुखी क्विनोआ खाते हैं और दीवाली ऐसे मनाते हैं जैसे मेट गाला हो बस सेलेब्रिटी की जगह होती हैं आंटियां जो कि स्वारोवस्की की साड़ी पहनकर पहुंची हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि बहुत से भारतीय विदेश जाकर सिर्फ भारतीयों के साथ ही दोस्ती करते हैं और फिर मिलकर यही बात करते हैं कि भारत में सब कुछ बेहतर था. गोयनका ने बताया कि हर एनआरआई अपने वॉट्सऐप ग्रुप का नाम 'Desi Squad' जरूर रखते हैं. उन्होंने लिखा, डॉलर में सेविंग करते हैं, फिर भारत आकर अपने माता-पिता को बताते हैं कि वहां की जिंदगी कितनी शानदार है.
यूजर्स का रिएक्शन
हर्ष गोयनका की पोस्ट पर यूजर्स रिएक्श दे रहे हैं. एक ने लिखा, बिलकुल सच कहा, ऐसा ही होता है और ये पढ़कर तो मैं खुद को देख रहा हूं. दूसरे ने लिखा कि ये सब एनआरआई के लिए सही नहीं है. मैं दुबई में रहता हूं और यहां तो इंडिया जैसा ही लगता है. तीसरे ने लिखा, हर्ष जी जैसे ज्यादा घूमने वाले इंसान से ऐसी पोस्ट की उम्मीद नहीं थी.
अन्य ने कहा, लोग सिर्फ कुछ बेसिक चीजें चाहते हैं, सर-साफ हवा, पीने का पानी, साफ पार्क, बिना रिश्वत के इलाज और एक ऐसा काम जहां इज्जत और आराम हो. वो देश नहीं छोड़ते, बस बेहतर जिंदगी की तलाश करते हैं. अगर ये सब इंडिया में मिल जाए, तो कौन वीजा के लिए लाइन लगाएगा? उन्होंने ये भी कहा, हां, वो महंगे बटर चिकन खाते हैं और दीवाली में चमकते हैं, लेकिन अंदर से वो अपना देश ही याद करते हैं.