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कारगिल और गलवान जैसी सेना की युद्ध भूमि देख सकेंगे टूरिस्ट, आर्मी-डे पर होगी शुरुआत

इस पहल की शुरुआत 15 जनवरी को आर्मी डे के अवसर पर होगी. भारतीय सेना ने कहा कि पर्यटक उन जगहों पर जा सकते हैं जहां वीर सैनिक लड़े और आज भी मातृभूमि की सेवा करते हैं. 'भारत रणभूमि दर्शन' की वेबसाइट आर्मी डे पर लॉन्च की जाएगी. इस वेबसाइट का रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह उद्घाटन करेंगे.

कारगिल और गलवान जैसी सेना की युद्ध भूमि देख सकेंगे टूरिस्ट, आर्मी-डे पर होगी शुरुआत
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 13 Jan 2025 2:25 PM IST

इंडियन आर्मी ने पर्यटकों को सियाचिन ग्लेशियर, कारगिल और गलवान घाटी की बर्फीली पहाड़ियों पर जाने की अनुमति देने का निर्णय लिया है. टूरिस्ट अब गलवान और डोकलाम के इलाकों में रणभूमि दर्शन कर सकेंगे. इस पहल का उद्देश्य देश के नागरिकों को इन दुर्गम युद्ध क्षेत्रों का प्रत्यक्ष अनुभव प्रदान करना है.

इस पहल की शुरुआत 15 जनवरी को आर्मी डे के अवसर पर होगी. भारतीय सेना ने कहा कि पर्यटक उन जगहों पर जा सकते हैं जहां वीर सैनिक लड़े और आज भी मातृभूमि की सेवा करते हैं. 'भारत रणभूमि दर्शन' की वेबसाइट आर्मी डे पर लॉन्च की जाएगी, जो लोगों को राष्ट्र के समृद्ध इतिहास और देश की सीमाओं को करीब से देखने की सुविधा देगी. इस वेबसाइट का रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह उद्घाटन करेंगे.

टूरिस्टों को मिलेगा शौर्य पत्र

कार्यक्रम के तहत 'शौर्य गंतव्य' के रूप में सियाचिन बेस कैंप, लिपुलेख दर्रा, बूमला, किबितु के साथ गलवान और डोकलाम को भी शामिल किया गया है. इन स्थानों पर टूरिस्ट को आकर्षित करने के लिए एक विस्तृत योजना तैयार की गई है. इन जगहों पर भारत के वीर सैनिकों की शौर्यगाथाओं और बलिदान की कहानियों को दिखाया जाएगा. टूरिस्टों को बढ़ावा देने के लिए शौर्य पत्र देने की योजना भी बनाई गई है, जिसमें सिल्वर, गोल्ड और प्लैटिनम शौर्य पत्र शामिल होंगे. ये पत्र इस आधार पर दिए जाएंगे कि टूरिस्ट ने कितने शौर्य स्मारकों और गंतव्यों का दौरा किया है.

बॉर्डर एरिया में टूरिज्म बढ़ाने का है प्लान

पिछले कुछ सालों में बॉर्डर एरिया डिवेलपमेंट पर विशेष ध्यान दिया गया है. वाइब्रेंट विलेज जैसे प्रोजेक्ट्स के जरिए सीमावर्ती इलाकों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है. 'भारत रणभूमि दर्शन' से इन इलाकों में टूरिस्टों की आवाजाही बढ़ेगी. आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पहले कहा था कि बॉर्डर इलाकों में मजबूत आर्थिक गतिविधियां और पर्यटकों की उपस्थिति दुश्मन के दावों को कमजोर करती हैं.

कारगिल और गलवान भी घूमेंगे टूरिस्ट

पर्यटकों के लिए कारगिल और गलवान जैसे युद्ध क्षेत्र भी खोले जा रहे हैं. दुनिया का सबसे ऊंचा और ठंडा युद्धक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर भी इस पहल का हिस्सा है. कारगिल में 1999 के भारत-पाकिस्तान युद्ध और गलवान घाटी में जून 2020 की झड़प के ऐतिहासिक महत्व को टूरिस्ट अनुभव कर सकेंगे. सरकार और सेना को उम्मीद है कि 'भारत रणभूमि दर्शन' योजना से इन दुर्गम इलाकों में पर्यटन को नई दिशा मिलेगी और इसका व्यापक प्रभाव दिखेगा.

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