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'टीपू सुल्तान ने अंग्रेजों को धूल चटाया, लेकिन...', बुक लॉन्चिंग पर एस जयशंकर ने खोले इतिहास के पन्ने

एस जयशंकर ने टीपू सुल्तान से जुड़े इतिहास के बारे में चर्चा की. उन्होंने कहा कि "टीपू सुल्तान वास्तव में इतिहास में एक बहुत ही जटिल व्यक्ति है. एक ओर, उन्हें एक प्रमुख व्यक्ति के रूप में प्रतिष्ठा प्राप्त है, जिन्होंने भारत पर ब्रिटिश औपनिवेशिक नियंत्रण का विरोध किया. उनकी हार और मृत्यु को प्रायद्वीपीय भारत के भाग्य के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा सकता है."

टीपू सुल्तान ने अंग्रेजों को धूल चटाया, लेकिन..., बुक लॉन्चिंग पर एस जयशंकर ने खोले इतिहास के पन्ने
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( Image Source:  @DrSJaishankar )

S Jaishankar: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने टीपू सुल्तान को इतिहास में दिए गए उनके योगदान के बारे में बात की. उन्होंने सुल्तान को "इतिहास में एक बहुत ही जटिल व्यक्ति" बताया. केंद्रीय मंत्री शनिवार को दिल्ली में इंडियन हैबिटेट सेंटर में भारतीय इतिहासकार विक्रम संपत की पुस्तक 'टीपू सुल्तान: द सागा ऑफ द मैसूर इंटररेग्नम' के विमोचन में शामिल हुए.

एस जयशंकर ने कार्यक्रम के दौरान टीपू सुल्तान से जुड़े इतिहास के बारे में चर्चा की. उन्होंने कहा कि "टीपू सुल्तान वास्तव में इतिहास में एक बहुत ही जटिल व्यक्ति है. एक ओर, उन्हें एक प्रमुख व्यक्ति के रूप में प्रतिष्ठा प्राप्त है, जिन्होंने भारत पर ब्रिटिश औपनिवेशिक नियंत्रण का विरोध किया. उनकी हार और मृत्यु को प्रायद्वीपीय भारत के भाग्य के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा सकता है."

क्या बोले विदेश मंत्री

एस जयशंकर ने मैसूर क्षेत्र में टीपू सुल्तान के शासन के बारे में बात की. विदेश मंत्री ने बताया कि भारतीय इतिहास में टीपू सुल्तान की अंग्रेजों के साथ लड़ाई पर अधिक ध्यान दिया गया है, और उनके शासन के अन्य पहलुओं को "कम करके आंका गया" या "नज़रअंदाज़" किया गया है. टीपू सुल्तान के मामले में तथ्यों को चुन-चुनकर पेश करने से एक राजनीतिक आख्यान को बढ़ावा मिला है. उन्होंने कहा, "सभी समाजों में इतिहास जटिल होता है और राजनीति तथ्यों को चुन-चुनकर पेश करती है. टीपू सुल्तान के मामले में भी यही हुआ है. जयशंकर ने कहा, सच को नजरअंदाज करते हुए टीपू-अंग्रेजों के बीच की लड़ाई को उजागर करके पिछले कई वर्षों में एक विशेष किताबों को आगे बढ़ाया गया है."

10 सालों में बदली राजनीतिक व्यवस्था

विदेश मंत्री ने विपक्षी पार्टियों और पिछली सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि "पिछले 10 वर्षों में हमारी राजनीतिक व्यवस्था में आए बदलावों के कारण वैकल्पिक दृष्टिकोण सामने आए हैं. अब हम वोट बैंक के कैदी नहीं हैं और न ही असुविधाजनक सत्य को सामने लाना राजनीतिक रूप से गलत है."

पुस्तक में क्या है खास?

एस जयशंकर ने पुस्तक के बारे में बताया कि "कूटनीतिक दुनिया से होने के नाते, मैं टीपू सुल्तान पर इस पुस्तक में दी गई जानकारी और सच से प्रभावित हुआ. हमारे कई राज्यों और रियासतों ने पिछली शताब्दियों में अपने विशेष हितों के अनुसरण में अंतर्राष्ट्रीय मामलों में कदम रखा. टीपू के मिशनरियों की उनके फ्रांसीसी और अंग्रेजी समकक्षों के साथ बातचीत वास्तव में आकर्षक है."

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