फरवरी में इतने भूकंप आने का क्या है मतलब? बड़ी तबाही की आहट तो नहीं; जानें साइंटिफिक व्यू
फरवरी 2025 में लगातार आ रहे भूकंपों ने दुनियाभर में दहशत फैला दी है. नेपाल, पाकिस्तान और भारत समेत कई देशों में तेज झटके महसूस किए गए. वैज्ञानिकों के अनुसार, टेक्टोनिक प्लेटों की हलचल, ज्वालामुखीय गतिविधियां और जलवायु परिवर्तन इसके पीछे प्रमुख कारण हो सकते हैं. बढ़ते भूकंपों ने आपदा प्रबंधन को लेकर नई चिंताओं को जन्म दिया है.

फरवरी 2025 के आखिरी दिन नेपाल में आए तेज भूकंप के झटकों से भारत के कई हिस्सों में भी हलचल महसूस की गई. इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.1 और 5.5 दर्ज की गई. पहला झटका काठमांडु के पास आया, जबकि दूसरा बिहार बॉर्डर के करीब महसूस हुआ. इसका असर नेपाल के अलावा बिहार और पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी तक देखा गया, जिससे घबराए लोग घरों से बाहर निकल आए.
नेपाल में आए इस भूकंप के कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तान भी भूकंप के झटकों से हिल गया, जिससे वहां भी दहशत फैल गई. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.5 मापी गई. अब सवाल ये उठता है कि आखिर इतने भूकंप क्यों आ रहे हैं?
किस जोन में आती है दिल्ली
देश के सभी क्षेत्र को चार भूकंपीय जोनों में बांटा गया है. इनमें जोन-5 सबसे संवेदनशील क्षेत्र है, जहां सबसे तीव्र भूकंप आते हैं, जबकि जोन-2 में भूकंप की तीव्रता सबसे कम होती है. देश का लगभग 11% क्षेत्र जोन-5 में, 18% जोन-4 में, 30% जोन-3 में और शेष क्षेत्र जोन-2 में आता है. गुजरात, हिमाचल प्रदेश, बिहार, असम, मणिपुर, नागालैंड, जम्मू-कश्मीर और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह को जोन-5 में रखा गया है, जबकि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) जोन-4 में स्थित है, जो भूकंपीय दृष्टि से दूसरी सबसे संवेदनशील श्रेणी में आता है.
भूकंप की तीव्रता से कितना होगा नुकसान?
- 0 से 1.9 तीव्रता: केवल सिस्मोग्राफ से ही पता चलता है
- 2 से 2.9 तीव्रता: हल्का कंपन महसूस होता है
- 3 से 3.9 तीव्रता: ऐसा लगता है जैसे कोई ट्रक पास से गुजर गया हो
- 4 से 4.9 तीव्रता: खिड़कियां टूट सकती हैं, दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं
- 5 से 5.9 तीव्रता: घर का फर्नीचर हिल सकता है
- 6 से 6.9 तीव्रता: इमारतों की नींव दरक सकती है
- 7 से 7.9 तीव्रता: इमारतें गिर सकती हैं
- 8 से 8.9 तीव्रता: इमारत समेत बड़े पुल गिर सकते हैं, सुनामी का खतरा हो सकता है
- 9 और उससे ज्यादा तीव्रता: भारी तबाही संभव, व्यापक विनाश हो सकता है
क्या है साइंटिफिक व्यू?
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भूकंप पृथ्वी की सतह के नीचे स्थित टेक्टोनिक प्लेटों की हलचल के कारण उत्पन्न होता है. जब ये प्लेटें आपस में टकराती हैं, खिसकती हैं या अलग होती हैं, तो संचित ऊर्जा अचानक मुक्त होती है, जिससे भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं. इस ऊर्जा के प्रसार के कारण पृथ्वी की सतह पर कंपन होता है, जिसे सिस्मिक वेव्स (भूकंपीय तरंगें) कहा जाता है. भूकंप की तीव्रता को मापने के लिए रिक्टर स्केल और क्षति के प्रभाव का आकलन करने के लिए मर्कली स्केल का उपयोग किया जाता है. इसके अलावा, अत्यधिक शक्तिशाली भूकंप सुनामी जैसी विनाशकारी घटनाओं को भी जन्म दे सकते हैं.
क्या है एस्ट्रोलॉजिकल व्यू?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहण के समय भूकंप नहीं आता, लेकिन सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण के बाद आने वाली अमावस्या या पूर्णिमा के सप्ताह में भूकंप की संभावना अधिक होती है. यह ज्योतिषीय प्रभावों से जुड़ा माना जाता है, हालांकि वैज्ञानिक रूप से इसकी पुष्टि नहीं हुई है. ज्योतिष के अनुसार, भूकंप आने की संभावना दिन में 12:00 बजे से सूर्यास्त तक और मध्यरात्रि से सूर्योदय के बीच अधिक रहती है. इस समयावधि में पृथ्वी की भूगर्भीय हलचल अधिक सक्रिय हो सकती है, जिससे भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं. इसके अलावा, प्रमुख ग्रहों जैसे शनि, बृहस्पति और मंगल की वक्री चाल के दौरान भी भूकंप की संभावना बढ़ जाती है. ज्योतिष में यह माना जाता है कि इन ग्रहों की उलटी गति पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण संतुलन को प्रभावित कर सकती है, जिससे भूगर्भीय गतिविधियां तेज हो सकती है.
ग्लेशियर पिघलना भी हो सकता है कारण
कई रिसर्च में जलवायु परिवर्तन और ग्लेशियरों के पिघलने को भी भूकंपों की बढ़ती संख्या से जोड़ा गया है, क्योंकि इससे पृथ्वी के संतुलन पर प्रभाव पड़ सकता है. हालांकि, भूकंपों की सटीक भविष्यवाणी करना मुश्किल है, लेकिन इन बढ़ती घटनाओं ने आपदा प्रबंधन और सुरक्षा उपायों को लेकर नई चिंताओं को जन्म दे दिया है.
फरवरी में कब कब आया भूकंप?
- 28 फरवरी: पाकिस्तान में भूकंप, तीव्रता 4.5
- 28 फरवरी: नेपाल-बिहार में भूकंप, तीव्रता 5.5
- 27 फरवरी: असम में भूकंप, तीव्रता 5.3
- 26 फरवरी: लद्दाख में भूकंप, तीव्रता 3.5
- 26 फरवरी: इंडोनेशिया में भूकंप, तीव्रता 6.0
- 25 फरवरी: कोलकाता में भूकंप, तीव्रता 5.1
- 23 फरवरी: जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में भूकंप, तीव्रता 3.8
- 23 फरवरी: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में भूकंप, तीव्रता 2.8
- 22 फरवरी: वाशिंगटन में भूकंप, तीव्रता 3.4
- 21 फरवरी: उत्तराखंड में भूकंप, तीव्रता 3.5
- 21 फरवरी: कनाडा में भूकंप, तीव्रता 4.8
- 17 फरवरी: दिल्ली-NCR में भूकंप, तीव्रता 4.0
- 15 फरवरी: टेक्सास में भूकंप, तीव्रता 5.0
- 15 फरवरी: रूस में भूकंप, तीव्रता 5.7
- 10 फरवरी: मोरक्को में भूकंप, तीव्रता 5.1
- 09 फरवरी: केरल के कासरगोड में भूकंप, तीव्रता 2.5
- 02 फरवरी: राजस्थान के बीकानेर में भूकंप, तीव्रता 3.6