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शिक्षा का मंदिर शर्मसार! 3 शिक्षकों ने मिलकर 13 साल की छात्रा के साथ की घिनौनी हरकत

तमिलनाडु के कृष्णागिरी जिले में गुरु-शिष्य के पवित्र रिश्ते को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है. तीन शिक्षकों पर गंभीर आरोप लगने के बाद उन्हें बुधवार को POCSO (यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया.

शिक्षा का मंदिर शर्मसार! 3 शिक्षकों ने मिलकर 13 साल की छात्रा के साथ की घिनौनी हरकत
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( Image Source:  AI: Representative Image )
सागर द्विवेदी
Edited By: सागर द्विवेदी

Updated on: 17 Nov 2025 7:14 PM IST

तमिलनाडु के कृष्णागिरी जिले में गुरु-शिष्य के पवित्र रिश्ते को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है. तीन शिक्षकों पर गंभीर आरोप लगने के बाद उन्हें बुधवार को POCSO (यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया. अदालत ने उन्हें 15 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है. पुलिस के अनुसार, यह घटना 2 जनवरी को स्कूल के शौचालय में हुई, जहां तीनों शिक्षकों ने घिनौना अपराध किया. मामले की जांच जारी है, और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

पुलिस के अनुसार, पहले एक शिक्षक ने लड़की के साथ दुष्कर्म किया, और बाद में जब दो अन्य शिक्षकों को इसकी जानकारी मिली, तो उन्होंने भी इस घिनौने अपराध को अंजाम दिया. कृष्णागिरी के एसपी थंकादुरई ने बताया कि तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उनके खिलाफ POCSO अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. फिलहाल, तीनों शिक्षकों को सेवा से हटा दिया गया है.

घटना के एक महीने बाद हुआ खुलासा

बुधवार को पीड़िता के परिवार, रिश्तेदारों और स्थानीय लोगों ने सार्वजनिक रूप से विरोध प्रदर्शन किया और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की. एसपी ने दोषियों को कड़ी सजा दिलाने का आश्वासन दिया, जिसके बाद प्रदर्शनकारी वहां से चले गए. पीड़िता को मेडिकल जांच के लिए कृष्णागिरी सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ले जाया गया. जिला कलेक्टर एस दिनेश कुमार ने स्पष्ट किया कि लड़की गर्भवती नहीं थी और गर्भपात होने का दावा पूरी तरह झूठा है.

तीनों आरोपी अब पुलिक की कैद में

कलेक्टर एस दिनेश कुमार ने कहा कि लड़की को मनोचिकित्सकों और मनोवैज्ञानिकों से मानसिक स्वास्थ्य सहायता दी जा रही है ताकि उसे इस भयावह अनुभव से उबरने में मदद मिल सके. AIADMK के महासचिव एडप्पादी के पलानीस्वामी ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को इस पूरी घटना की जिम्मेदारी लेनी चाहिए.

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