खुल गया सैफ अली खान पर हमले का राज, मुंबई पुलिस के 1000 पन्नों की चार्जशीट में क्या-क्या?
सैफ अली खान पर हमले की गुत्थी मुंबई पुलिस की 1000 पन्नों की चार्जशीट से सुलझ गई है. इसमें आरोपी शरीफुल इस्लाम के खिलाफ फॉरेंसिक और तकनीकी सबूत दर्ज हैं. चाकू के टुकड़े, फिंगरप्रिंट्स और घटनास्थल की जांच से साफ है कि हमला योजनाबद्ध था. आरोपी बांग्लादेशी नागरिक है, जो अवैध रूप से भारत में रह रहा था। मामला अब कोर्ट में चल रहा है.

बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान पर हुए जानलेवा हमले के मामले में मुंबई पुलिस ने मंगलवार को बांद्रा कोर्ट में एक विस्तृत चार्जशीट दाखिल की है. यह चार्जशीट 1000 से भी ज्यादा पन्नों की है, जिसमें आरोपी शरीफुल इस्लाम के खिलाफ जुटाए गए ठोस सबूतों का ब्योरा दिया गया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने हर पहलू की गहनता से जांच की है, जिसमें फॉरेंसिक, तकनीकी और भौतिक साक्ष्यों को प्रमुखता से शामिल किया गया है.
पुलिस द्वारा पेश की गई चार्जशीट में फॉरेंसिक रिपोर्ट का उल्लेख किया गया है, जो केस का टर्निंग पॉइंट मानी जा रही है. रिपोर्ट में यह सामने आया है कि सैफ अली खान के शरीर और घटनास्थल से जो चाकू के टुकड़े बरामद हुए थे, वे उसी एक चाकू के हिस्से थे जिससे हमला हुआ था. चाकू तीन टुकड़ों में टूटा मिला, जिससे हमले की तीव्रता और उद्देश्य का अंदाजा लगाया जा सकता है.
मिले बाएं हाथ के फिंगरप्रिंट्स
जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी के बाएं हाथ के फिंगरप्रिंट्स घटनास्थल पर पाए गए थे, जो उसकी मौजूदगी और संलिप्तता की पुष्टि करते हैं. पुलिस के अनुसार, शरीफुल इस्लाम उर्फ़ शहजाद को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है, और यह भी स्थापित किया गया है कि वह बांग्लादेश का नागरिक है जो अवैध रूप से भारत में रह रहा था. चार्जशीट के जरिए पुलिस अब इस मामले को मजिस्ट्रेट स्तर से आगे बढ़ाने की प्रक्रिया में है.
जमानत के बाद भाग सकता है बांग्लादेश
इस बीच, आरोपी ने अपनी जमानत के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया है. पुलिस ने अदालत से आग्रह किया है कि आरोपी को जमानत न दी जाए, क्योंकि उसके बांग्लादेश भागने की आशंका है और इससे जांच प्रभावित हो सकती है. वहीं, आरोपी का कहना है कि वह निर्दोष है और उसे फंसाया गया है.
क्या था पूरा मामला?
गौरतलब है कि यह हमला 16 जनवरी की सुबह सैफ अली खान के बांद्रा स्थित घर में हुआ था, जब आरोपी ने कथित तौर पर डकैती की कोशिश की. हमले में सैफ को गंभीर चोटें आईं, खासकर उनकी रीढ़ और अन्य अंग प्रभावित हुए. इसके बावजूद, उन्होंने साहस दिखाते हुए खुद बेटे तैमूर के साथ अस्पताल पहुंचे. उन्हें पांच दिनों तक लीलावती अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा, जहां इलाज के बाद 21 जनवरी को छुट्टी मिली. अब यह मामला बांद्रा मजिस्ट्रेट कोर्ट में विचाराधीन है.