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मस्जिदों और कब्रिस्तानों पर कब्ज़ा करेगी सरकार... सोशल मीडिया की इस अफवाह ने जलाया मुर्शिदाबाद

झूठी सूचनाओं, वॉट्सएप ग्रुप्स और फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट्स ने मिलकर मुर्शिदाबाद को आग के हवाले कर दिया, जिसमें तीन लोगों की जान चली गई. अब तक 221 गिरफ्तारियां और 1,093 सोशल अकाउंट्स ब्लॉक किए जा चुके हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि इस साजिश में बाहरी ताकतों का भी हाथ था क्योंकि यह बांग्लादेश से सटा हुआ है.

मस्जिदों और कब्रिस्तानों पर कब्ज़ा करेगी सरकार... सोशल मीडिया की इस अफवाह ने जलाया मुर्शिदाबाद
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Published on: 16 April 2025 9:54 AM

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में बीते हफ्ते जो कुछ हुआ, वह अचानक नहीं हुआ था. नए वक्फ कानून के विरोध में कई संगठनों ने रैलियों का ऐलान किया था. 8 अप्रैल को उमरपुर में नेशनल हाईवे-12 पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव हुआ और दो पुलिस जीपों को आग के हवाले कर दिया गया.

लेकिन सबसे भयावह दिन रहा 11 अप्रैल. उस दिन NH-12 जंग के मैदान में बदल गया. भीड़ ने साजूर मोड़ और डाकबंगला इलाके में बसों, गाड़ियों और पुलिस की जीपों को फूंक डाला. साथ ही शमशेरगंज, धूलियन और सूटी जैसे गांवों में भी साम्प्रदायिक हिंसा फैल गई. जाफराबाद में हरगोबिंद मंडल और उनके बेटे चंदन मंडल की भीड़ ने घर से खींचकर हत्या कर दी. वहीं, सूरजमोड़ में पुलिस फायरिंग में इजाज अहमद समेत तीन युवक घायल हुए, जिनमें से एक ने बाद में दम तोड़ दिया.

सोशल मीडिया बनी अफवाहों की फैक्ट्री

पुलिस और जिला अधिकारियों के मुताबिक हिंसा से पहले सोशल मीडिया और वॉट्सएप ग्रुप्स पर लगातार झूठी और भड़काऊ बातें फैलाई जा रही थीं. 'धार्मिक स्थलों, कब्रिस्तानों और ज़मीनों पर सरकार कब्ज़ा कर लेगी' जैसे संदेशों ने जनता के बीच भय और भ्रम पैदा किया.

शहरों से लौटकर रैलियों में शामिल हुए थे युवक

स्थानीय निवासी बताते हैं कि ईद की छुट्टियों में हज़ारों प्रवासी युवक जो शहरों से घर लौटे थे, उन्हें रैलियों में शामिल किया गया. मृतक इजाज अहमद चेन्नई के एक होटल में काम करता था और 13 अप्रैल को वापस लौटने वाला था. इस बीच हुई हिंसा ने उसकी जान ले ली.

प्रदर्शन से दंगा बनने तक का सफर

11 अप्रैल की शुरुआत शांतिपूर्ण विरोध से हुई थी, लेकिन साजूर मोड़ और डाकबंगला क्रॉसिंग पर जब प्रदर्शनकारियों ने रास्ता जाम किया, तब हालात बेकाबू हो गए. पत्थरबाज़ी, पेट्रोल बम और लाठी-डंडों से लैस भीड़ ने सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया. वाहनों में आग लगा दी और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया.

गांवों में लूट और आगजनी

बेड़बोना गांव के निवासी रामकुमार मंडल ने बताया कि शुक्रवार की शाम गांव पर हमला हुआ और शनिवार को सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक घरों को लूटा और जला दिया गया. अब ज़्यादातर लोग नदी पार कर मालदा भाग गए हैं. वहीं शेल्टर में रह रहे हैं. वो सभी मामला शांत होने का इंतजार कर रहे हैं.

1100 सोशल मीडिया अकाउंट को किया गया ब्लॉक

ADG लॉ एंड ऑर्डर जावेद शमीम ने बताया कि अब तक 1093 फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट्स (फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स) को ब्लॉक किया गया है. हिंसा के पीछे अफवाह फैलाने वालों की पहचान कर कार्रवाई की जा रही है. जाफराबाद हत्याकांड की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) बनाई गई है और दो गिरफ्तारियां हो चुकी हैं.

बाहरी ताकतों की साज़िश?

वहीं के रहने वाले शमीम ने कहा कि हम कट्टरपंथी संगठनों और क्षेत्र के बाहर से आए उपद्रवियों की भूमिका से इनकार नहीं कर सकते. मुर्शिदाबाद बांग्लादेश सीमा से सटा हुआ है और झारखंड सिर्फ 6 किमी दूर है. कई उपद्रवियों का मकसद सिर्फ लूटपाट करना भी था. पुलिस का कहना है कि क्षेत्र अब शांत है और सामान्य स्थिति की ओर बढ़ रहा है.

crimeममता बनर्जी
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