पूरा सिस्टम ही गलत था, 25000 से ज्यादा शिक्षकों की भर्ती रद्द, सुप्रीम कोर्ट ने भी माना- बंगाल में हुई धांधली
ममता बनर्जी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. राज्य के स्कूल भर्ती घोटाला मामले में शीर्ष अदालत ने कलकत्ता हाई कोर्ट के उस फैसले के बरकरार रखा है जिसके तहत 25 हजार से ज्यादा नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया था. कोर्ट ने पूरे मामले में धांधली की बात मानी है.

पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कलकत्ता हाई कोर्ट के उस फैसले को सही ठहराया, जिसमें 25,000 से अधिक शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति रद्द कर दी गई थी. ये नियुक्तियां पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (WBSSC) के जरिए हुई थीं, लेकिन कोर्ट ने कहा कि पूरी चयन प्रक्रिया में धांधली और गड़बड़ियां हुई थीं.
भर्ती में घोटाले के आरोप
2016 में हुई इस भर्ती परीक्षा में करीब 23 लाख उम्मीदवारों ने भाग लिया था, जबकि कुल खाली पद 24,640 थे. लेकिन सरकार ने 25,753 लोगों को नौकरी दे दी, जिससे भर्ती में गड़बड़ी की आशंका बढ़ गई. आरोप है कि सरकार ने अतिरिक्त पद बनाकर गलत तरीके से भर्तियां कीं.
तीन महीने में नई भर्ती का आदेश
- सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को आदेश दिया है कि तीन महीने के अंदर दोबारा भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाए
- जो उम्मीदवार नई परीक्षा पास करेंगे, उन्हें अपनी पुरानी सैलरी लौटाने की जरूरत नहीं होगी
- जो नई परीक्षा में फेल होंगे, उन्हें 2016 से अब तक मिली सैलरी वापस करनी होगी
- दिव्यांग उम्मीदवारों को राहत दी गई है, वे अपनी मौजूदा नौकरी जारी रख सकते हैं
ममता सरकार की अपील खारिज
ममता बनर्जी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की थी कि भर्ती में शामिल ईमानदार और गलत तरीके से भर्ती हुए उम्मीदवारों को अलग-अलग देखा जाए. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस अपील को खारिज कर दिया और कहा कि पूरा भर्ती सिस्टम ही गलत था.
भर्ती घोटाले में फंसे TMC नेता
इस घोटाले में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के कई बड़े नेता फंस चुके हैं. पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी पहले ही कैश स्कैंडल में गिरफ्तार हो चुके हैं और जेल में हैं. भाजपा नेता अमित मालवीय ने इस फैसले को ममता सरकार की बड़ी हार बताया और कहा कि मुख्यमंत्री को भी इस घोटाले की जिम्मेदारी लेनी चाहिए.
राजनीतिक हलचल तेज
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद पश्चिम बंगाल की राजनीति में हलचल तेज हो गई है. राज्य सरकार को अब तीन महीने के अंदर नई भर्ती प्रक्रिया पूरी करनी होगी, जिससे लाखों बेरोजगार उम्मीदवारों की नजरें इस पर टिकी हुई हैं.