इस कोर्ट में जोड़ी बनती है! तलाक लेने आते हैं रजामंदी हो जाती है, ऐसा क्या करती हैं जज नीलिमा सिंह?
छत्तीसगढ़ के बेमेतरा के फैमिली कोर्ट से एक अनूठा मामला सामने आया है जहां जज ने शादी के सात वचनों को याद दिलाकर कपल्स के बीच सुलह करवा दिया. जज नीलिमा सिंह बघेल ने इससे पहले भी इस तरह के मामले ऐसे ही सुलझाए हैं. इन्होंने केवल एक दिन में इसी तरीके से दो दर्जन से ज्यादा मामले सुलझाए थे.

छत्तीसगढ़ के बेमेतरा में फैमिली कोर्ट में लोक अदालत का आयोजन किया गया. यह प्रोग्राम नेशनल लेवल पर आयोजित किया गया था, जिसमें 22 मामलों का निपटारा किया गया. जज नीलिमा सिंह बघेल ने कुछ अलग कोशिश कर कपल्स के बीच सुलह की कोशिश की.
इस लोक अदालत में पांच कपल्स का एक साथ समझौता कराया गया, जो लंबे समय से एक-दूसरे से अलग रह रहे थे. इनके बीच चल रहे झगड़ों का सुलझाने का प्रयास किया गया, जिनमें पहले सोशल लेवल पर की गई कोशिश शामिल है. जज ने उन्हें समझाकर एक साथ भेजा.
शादी के वचन
जज नीलिमा सिंह कपल्स को शादी के सात वचनों की याद दिलाती है. दरअसल शादी के समय पति और पत्नी सात वचन की कसमें खाते हुए फेरे लेते हैं. जज इन 7 वचनों का संस्कृत में अनुवाद कर लोगों को हिन्दी में पढ़ कर सुनाती और साथ ही वो इसे उनको पढ़ने को भी देती हैं. जज नीलिमा ने सात वचनों को कोर्ट के दीवार पर भी लिखवा दिया है. इनके बीच विवादों को सुलझाने के बाद वो कपल्स को नारियल और तुलसी का पौधा देती हैं और शादी में वादों के बारे में समझाती है. केवल इसी तरीके से उन्होंने 21 सितंबर को दो दर्जन से ज्यादा मामले सुलझा दिए थे.
अनूठा मामला
एक 58 साल की महिला ने तलाक के लिए अर्जी डाली थी. वो कई सालों से अपने पति के साथ एक कमरे में नहीं रह रही थी. दोनों की शादी को 40 साल हो गए थे. ये मामला भी इनके सामने आया था. इसमें भी जज साहिबा ने दोनों को शादी के सात वचन की याद दिलाई और दोनों की शादी टूटने से बचा लिया.
स्पेशल मामले
एक मामले में एक प्रेगनेंट महिला ने कोर्ट में अर्जी दी थी, वहीं एक दूसरे मामले में एक बेटी ने अपने पिता के खिलाफ मेंटेनेंस का मामला दायर किया. इसके अलावा, एक विकलांग पिता ने अपने बेटों के खिलाफ भी मेंटेनेंस का ही मामला दर्ज किया था. सभी मामलों में जज ने फैमिली की वैल्यू को समझाते हुए सुलह कराने की कोशिश की.
जज नीलिमा सिंह बघेल
नीलिमा सिंह बघेल बेमेतरा, फैमिली कोर्ट की जज है. उनका जन्म 25 अगस्त 1975 सतना, मध्यप्रदेश में हुआ था. इ्न्होंने अपनी पहली न्यायिक सेवा की शुरूआत 3 नवंबर 2014 को की थी. जज साहिबा अब तक छत्तीसगढ़ के दुर्ग, मुंगेली, अंबिकापुर में एडिशनल डिस्ट्रिक्ट और सेशन जज के रूप में सेवा दे चुकी हैं इसके साथ अभी बेमेतरा के फैमिली कोर्ट में जज के रूप में कार्यरत है.