तेजस मार्क-2 से थर्रा जाएंगे दुश्मन, 2025 में पहली उड़ाने को है तैयार, इन खासियतों से है लैस
Tejas Mark-2: भारत और अमेरिका तेजस मार्क-2 लड़ाकू विमानों के लिए GE-F414 जेट इंजन के सह-उत्पादन के लिए बातचीत के अंतिम चरण में हैं , जिसमें 80% प्रौद्योगिकी हस्तांतरण होगा, जिसका मूल्य लगभग 1 बिलियन डॉलर होगा.

Tejas Mark-2: भारतीय वायु सेना की शक्ति में जल्द ही इजाफा होने वाला है. देश में निर्मित लड़ाकू विमान एलसीए तेजस मार्क-2 2025 में पहली उड़ान भर सकता है. एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) ने ये जानकारी दी है. राजस्थान के जोधपुर में एक कार्यक्रम के दौरान इंडियन एयरफोर्स के पांचवीं पीढ़ी के फायटर जेल एएमसीए और तेजस मार्क-2 के मॉडल को दिखाया गया. भारतीय वायुसेना में स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के विमान एमका (AMCA) को 2040 तक शामिल करने का लक्ष्य है.
तेजस मार्क-2 में होने वाले फीचर्स
- तेजस मार्क-2 में खास तौर पर बढ़ाई गई है हथियार की क्षमता
- तेजस मार्क-2 का प्रोटोटाइप 2025 में उड़ान भरेगा.
- 2025 में उड़ान भरने के बाद इसे वायुसेना में शामिल कर लिया जाएग.
- तेजस मार्क-2 में मल्टी रोल सुपरसोनिक फाइटर की डेल्टा विंग एयरक्राफ्ट होगा.
- तेजस मार्क-2 में मिसाइल अप्रोच वार्निंग सिस्टम जैसे कई नए फीचर्स देखने को मिलेंगे.
- मार्क 2 अगले एक दशक में मिराज 2000 और जगुआर और पुराने विमान की ले सकता है जगह.
- तेजस मार्क 2 अधिक भारी और अधिक उन्नत विमान होगा, जिसमें उन्नत स्वदेशी लड़ाकू क्षमताएं होंगी .
- तेजस मार्क 2 एक पूर्णतया नया विमान होगा, जिसमें अधिक शक्तिशाली, उन्नत इंजन होगा.
स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान तेजस मार्क 1ए को पाकिस्तान सीमा के पास राजस्थान के बीकानेर में नाल एयरबेस पर तैनात करने की योजना है. इस विमान का डिजाइन पूरा कर लिया गया है. एलसीए को 2003 तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने तेजस नाम दिया था. इस विमान की पहली स्क्वाड्रन को भारतीय वायुसेना में 2016 में शामिल किया गया था. भारतीय वायुसेना का लक्ष्य अगले 15 वर्षों में लगभग 300 तेजस लड़ाकू विमानों को शामिल करना है. इस योजना को सफल बनाने के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को अपनी उत्पादन दर को बढ़ाने की आवश्यकता है. एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने उत्पादन क्षमताओं में विविधता लाने और निजी क्षेत्रों के साथ साझेदारी की संभावना तलाशने की आवश्यकता पर जोर दिया.