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तेज रफ्तार बनी कहर, 19 साल के लड़के ने ली मासूम की जान, पुलिस ने किया गिरफ्तार

मुंबई में सड़क हादसे बढ़ रहे हैं. हाल ही में खबर आई है कि तेज रफ्तार गाड़ी ने 4 साले के बच्चे को टक्कर मारी, जिसके कारण मासूम की मौत हो गई है. अब इस मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.

तेज रफ्तार बनी कहर, 19 साल के लड़के ने ली मासूम की जान, पुलिस ने किया गिरफ्तार
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हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 22 Dec 2024 1:41 PM IST

मुंबई से एक सड़क हादसे की खबर सामने आई है, जिसके चलते 4 साल के बच्चे की मौत हो गई है. यह दुर्घटना वडाला इलाके में अंबेडकर कॉलेज के पास हुई, जहां 19 साल का एक लड़का तेज स्पीड में गाड़ी चला रहा था.

इस मामले में पुलिस ने बताया कि आयुष लक्ष्मण किनवाडे नाम के पीड़ित का परिवार फुटपाथ पर रहता है और उसके पिता मजदूर हैं. वहीं, आरोपी संदीप गोले विले हुंडई क्रेटा चला रहा और वह पार्ले के रहने वाला है. अब इस मामले में आगे की जांच जारी है.

नहीं थम रहे सड़क हादसे

इससे पहले मुंबई में एक ड्राइवर का सिविक रन बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग द्वारा संचालित इलेक्ट्रिक बस पर कंट्रोल खो गया था. इसके चलते सात लोगों की मौत हो गई और 42 अन्य घायल हो गए. 9 दिसंबर को कुर्ला में हुई इस दुर्घटना में 20 से अधिक गाड़ियां खराब हो गई. वहीं, सीसीटीवी में यह घटना कैद हो गई.

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सड़क हादसे में गई दो स्टूडेंट्स की जान

इससे पहले मुंबई में दो कॉलेज के स्टूडेंट्स की भी मौत तेज गाड़ी की रफ्तार के कारण हुई. बीबीए के फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट्स साहिल मेंडा कथित तौर पर 120-150 किमी की स्पीड पर गाड़ी चला रहे थे. गाड़ी में उनके साथ दो दोस्त भी थे. विले पार्ले में एक सर्विस रोड पर पहुंचने की कोशिश करते समय उनका कंट्रोल खो गया और गाड़ी डिवाइडर से टकरा गई. इसके चलते सार्थक कौशिक और जलज धीर की मौत हो गई.

सड़क हादसों में उत्तर प्रदेश सबसे आगे

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने पिछले सप्ताह कहा था कि महाराष्ट्र उन राज्यों में शामिल है, जहां पिछले पांच वर्षों में सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं.विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से मिले आंकड़ों के आधार पर रिपोर्ट में किया गया है कि 2018-2022 के दौरान में पूरे भारत में सड़क दुर्घटनाओं में 7 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है. जहां उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में सबसे अधिक मौतें (1,08,882) दर्ज की गईं. इसके बाद तमिलनाडु (84,316) और महाराष्ट्र 66,370 लोगों ने अपनी जान गंवाई.

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