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सुप्रीम कोर्ट के आवारा कुत्तों को हटाने के आदेश पर विवाद, CJI गवई बोले -‘मामले पर गौर करेंगे’

Supreme Court: आज आवारा कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण की याचिरा पर सीजेआई ने कहा हम इस पर विचार करेंगे. हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि न्यायाधीश इसका हवाला 2024 में दायर उस याचिका पर दे रहे थे या हाल ही में जारी हुए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के संदर्भ में.

सुप्रीम कोर्ट के आवारा कुत्तों को हटाने के आदेश पर विवाद, CJI गवई बोले -‘मामले पर गौर करेंगे’
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( Image Source:  sora ai )
निशा श्रीवास्तव
Edited By: निशा श्रीवास्तव

Updated on: 13 Aug 2025 12:42 PM IST

Supreme Court: देश भर में इन दिनों सड़क से लेकर सोशल मीडिया कर सुप्रीम कोर्ट के आवारा कुत्तों पर दिखे फैसले की चर्चा हो रही है. जिसमें कोर्ट ने दिल्ली-एनसीर के सभी आवारा कुत्तों को shelters में भेजने का निर्देश दिया था. अब बुधवार 13 अगस्त को नसबंदी और टीकाकरण मुद्दे पर सुनवाई हुई.

एक NGO की ओर से नियमित नसबंदी (sterilisation) और टीकाकरण (vaccination) की मांग करने वाली याचिका उनके समक्ष रखी गई. इस पर सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई चीफ जस्टिस बी.आर. गवैया ने कहा कि इस मुद्दे पर पहले ही एक आदेश जारी किया गया है.

नसबंदी के मुद्दे पर अभी विचार होगा-कोर्ट

बुधवार को 2024 की याचिका सुप्रीम कोर्ट में पेश की गई थी, जिसमें दिल्ली नगर निगम और अन्य नागरिक निकायों से नियमित नसबंदी न होने की वजह से डॉग बाइट की घटनाएं बढ़ने का आरोप लगाया गया था. इस मामले में जुलाई 2024 में नोटिस जारी हुआ था.

चीफ जस्टिस बी.आर. गवैया ने कहा कि इस मुद्दे पर पहले ही एक आदेश जारी किया गया है. कोर्ट ने आठ सप्ताह के भीतर सभी आवारा कुत्तों को shelters में भेजने का निर्देश दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि इस पर वह आगे ध्यान देंगे, लेकिन कोर्ट ने अभी तक इसे सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं किया है. हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि न्यायाधीश इसका हवाला 2024 में दायर उस याचिका पर दे रहे थे या हाल ही में जारी हुए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के संदर्भ में.

कोर्ट के फैसले के विरोध में लोग

दिल्ली–एनसीआर में सभी आवारा कुत्तों को shelters में भेजने का निर्देश दिया था और इस पर पशु कल्याण कार्यकर्ताओं तथा NGO‑जनों की कड़ी आलोचना देखने को मिली. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से डॉगर लवर्स में नाराजगी देखने को मिल रही है. उनका कहना है कि कोर्ट को अपने फैसले पर एक बार फिर से विचार करना चाहिए.

एक सीनियर वकील ने सीजेआई के सामने पुराने फैसले का जिक्र किया और वर्तमान फैसले पर ध्यार देने की अपील की. पिछले आदेश में बिना वजह कुत्तों को मारने पर रोक लगाई गई थी और सभी जानवरों के प्रति करुणा बरतने की बात कही गई थी. इस पर सीजेआई ने कहा कि दूसरी बेंच पहले ही आदेश दे चुकी है. मैं इस पर गौर करूंगा.

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