Begin typing your search...

कौन हैं जस्टिस बेला त्रिवेदी, जिनकी फेयरवेल पार्टी को लेकर हो गया बवाल? जानें कितनी है सपत्ति

Justice Bela Trivedi: सुप्रीम कोर्ट की जज जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी शुक्रवार को अपना रिटायरमेंट ले लिया. उन्हें 9 जून 2025 को सेवा से निवृत्त होना था, लेकिन कोर्ट की छुट्टियों और निजी कारणों की वजह से उन्होंने 16 मई 2025 को ही पद छोड़ने का निर्णय लिया. वह हमेशा निष्पक्ष रहीं और वह मेहनत और ईमानदारी के लिए जानी जाती हैं.

कौन हैं जस्टिस बेला त्रिवेदी, जिनकी फेयरवेल पार्टी को लेकर हो गया बवाल? जानें कितनी है सपत्ति
X
( Image Source:  @Mrdemocratic_ )
निशा श्रीवास्तव
Edited By: निशा श्रीवास्तव

Updated on: 17 May 2025 11:45 AM IST

Justice Bela Trivedi: सुप्रीम कोर्ट की जज जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी अपने तीन साल की सेवा के बाद रिटायरमेंट ले लिया. वह सुप्रीम कोर्ट की 11वीं महिला जज हैं. उन्हें सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) की तरफ से उन्हें कोई विदाई नहीं दी गई. इस पर सीजेआई बीआर गवई ने SCBA के रुख की आलोचना की है. गवई ने कहा कि हम SCBA के जस्टिस बेला का फेयरवेल न देने की खुले तौर पर निंदा करते हैं.

सीजेआई गवई ने कहा कि SCBA को ऐस नहीं करना चाहिए था. उन्होंने कहा कि जस्टिस बेला हमेशा निष्पक्ष रहीं और वह मेहनत और ईमानदारी के लिए जानी जाती हैं. हालांकि उन्होंने SCBA अध्यक्ष कपिल सिब्बल और उपाध्यक्ष रचना श्रीवास्तव की उपस्थिति की सराहना की. गवई ने कहा, मैं सिब्बल और श्रीवास्तव का धन्यवाद करता हूं कि वे व्यक्तिगत रूप से यहां मौजूद हैं. उनके संगठन का जो निर्णय था, उसके बावजूद वे आए.

कौन हैं जस्टिस बेला?

  • जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी का जन्म 10 जून 1960 को उत्तर गुजरात के पाटण में हुआ था. उनके पिता न्यायिक सेवा में थे और ट्रांसफर की वजह से उन्होंने देश के अलग-अलग हिस्सों में पढ़ाई की.
  • उन्होंने बी. कॉम और एल.एल.बी की पढ़ाई एम.एस. यूनिवर्सिटी वडोदरा से पूरी की. इसके बाद अपने पिता से प्रेरणा लेकर उन्होंने लॉ में करियर शुरू किया.
  • जस्टिस बेला ने जुलाई 1995 में गुजरात के ट्रायल कोर्ट से अपने करियर की शुरुआत की.
  • साल 2011 में उन्हें गुजरात हाईकोर्ट का जज नियुक्त किया गया था.
  • इसके बाद 31 अगस्त 2021 को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया. उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कई बड़े फैसलों में भूमिका निभाई.
  • उन्हें 9 जून 2025 को सेवा से निवृत्त होना था, लेकिन कोर्ट की छुट्टियों और निजी कारणों की वजह से उन्होंने 16 मई 2025 को ही पद छोड़ने का निर्णय लिया.
  • उनका गुलबाई टेकरा अहमदाबाद में स्थित दीप्ति बैंक ऑफ इंडिया सोसाइटी में एक आवासीय घर है.

जस्टिस बेला ने लिए थे अहम फैसले

  • वह EWS को 10 फीसदी आरक्षण देने के फैसले वाली 5 जजों की बेंच में शामिल रहीं. नवंबर 2022 में फैसले को 3:2 बहुमत लिया था. हालांकि इसमें SC,ST,OBC को शामिल नहीं किया गया था.
  • नवंबर 2021 में पोक्सो में उस फैसले को रद्द किया, जिसमें बॉम्बे HC ने कहा था कि स्किन टू स्किन संपर्क न होने पर वह यौन शोषण नहीं माना जाएगा. जस्टिस बेला ने कहा था कि सबसे बड़ी बात यौन इरादा है न की सीधी त्वचा से संपर्क.
  • 2024 में एससी वर्गों में उप-श्रेणीकरण को लेकर फैसला सुनाने वाली जजों की बेंच में शामिल रहीं. जिसमें कहा गया कि 6:1 के बहुमत के साथ राज्य सरकारें अनुसूचित जातियों के अंदर उप-श्रेणी बना सकती हैं.
  • एक मामले पर सुनवाई के दौरान जस्चिस बेला ने कहा, इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) के तहत लगाई गई रोक, महाराष्ट्र डिपॉजिटर्स कानून के तहत की गई संपत्ति जब्ती पर लागू नहीं होती है.
  • 15 मई 2025 को जस्सिट बेला ने श्री बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर योजना को मंजूरी दी, जिसे श्रद्धालुओं को दर्शन करने में आसानी होगी.
सुप्रीम कोर्ट
अगला लेख