अब बंगला खाली करना ही पड़ेगा... सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व CJI डीवाई चंद्रचूड़ को भेजा नोटिस, जानें पूरा मामला
Ex CJI DY Chandrachud: सुप्रीम कोर्ट ने भारत के पूर्व CJI डीवाई चंद्रचूड़ को नोटिस कर उन्हें सरकारी आवास खाली करने को कहा है. द्रचूड़ का कार्यकाल 10 नवंबर 2024 को समाप्त हो गया था इसस अवधि के बाद भी वे दिल्ली स्थित सरकारी अधिकारी आवास (CJI बंगला) में रह रहे थे, जबकि उन्हें 30 अप्रैल 2025 तक उसे खाली करना था.

Ex CJI DY Chandrachud: सुप्रीम कोर्ट ने भारत के पूर्व CJI डीवाई चंद्रचूड़ को नोटिस जारी किया है. उन्हें पद से रिटायर हुए 8 महीने बाद भी सरकारी आवास में हैं और अब तक बंगला खाली नहीं किया है. लुटियंस दिल्ली में यह बंगला स्थित है. इसलिए नोटिस जारी किया गया है.
सर्वोच्च न्यायालय के वर्तमान सीजेआई जस्टिस बीआर गवई को अभी तक प्रधान न्यायाधीश के आवंटित आधिकारिक बंगला नहीं मिला. कोर्ट ने केंद्र को इस बारे में नोटिस जारी कर मौजूदा सीजेआई के लिए बंगाल खाली कराने और उसे सुप्रीम कोर्ट हाउसिंग पूल को सौंपने को कहा है.
सरकारी आवास खाली करने का आदेश
इस मामले में केंद्र के शहरी विकास विभाग को इस पर फैसला लेना है. प्रशासन ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर पूर्व सीजेआई जस्टिस धनंजय वाई चंद्रचूड़ से तत्काल खाली करने की मांग की है. कोर्ट ने 1 जुलाई 2025 को MoHUA को भेजे पत्र कहा कि जस्टिस चंद्रचूड़ ने तय सीमा से ज्यादा तक अपने पास सरकारी आवास रखा है. 31 मई 2025 को डेडलाइन खत्म हो चुकी थी. इसलिए अब बिना किसी देरी के बंगला खाली करना होगा.
पत्र में क्या लिखा?
सुप्रीम कोर्ट ने पत्र में लिखा कि चंद्रचूड़ अब नियमों के मुताबिक, आवंटित की जा चुकी है. सकने वाली टाइप VII कैटेगरी की जगह VIII बंगले में रह रहे हैं. बता दें कि चंद्रचूड़ ने दिसंबर 2024 में सीजेआई -जस्टिस संजीव खन्ना को एक पत्र लिखा था, जिसमें 30 अप्रैल 2025 तक बंगला रखने की अनुमति मांगी थी.
बंगला खाली न करने का कारण
पूर्व सीजेआई चंद्रचूड़ ने बंगला खाली न करने की वजह के बारे में बताया था. उन्होंने कहा कि उन्हें दूसरा आवास पहले ही मिल चुका है, लेकिन वह बीते दो साल से बंद था और अभी रहने लायक नहीं है. जैसे ही मरम्मत का काम हो जाएगा वो वहां शिफ्ट हो जाएंगे.
चंद्रचूड़ ने यह भी बताया कि उनकी दो बेटियां की विशेष देखभाल में हैं और AIIMS में उनका इलाज किया जा रहा है. इसलिए उनके हिसाब के घर ढूंढने में टाइम लग रहा है.
कब हुए थे रियाटर?
पूर्व सीजेआई जस्टिस चंद्रचूड़ ने 10 नवंबर 2024 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय से सेवानिवृत्ति ली. उनके कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई प्रतिष्ठित और मार्कडाउन-चेंजिंग निर्णय दिए, जिन्होंने भारत में व्यक्तिगत स्वतंत्रता, समानता और संवैधानिक मूल्यों को नई परिभाषा दी है. चंद्रचूड़ ने साथियों न्यायाधीशों के साथ मिलकर Section 377 को आंशिक रूप से रद्द कर समलैंगिक संबंधों को वैध घोषित किया.