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चलते रहेंगे 16 हजार मदरसे! यूपी मदरसा एक्ट संविधान का उल्लंघन नहीं- SC ने पलटा हाईकोर्ट का फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी मदरसा एक्ट को सही बताया है. साथ ही हाईकोर्ट के फैसले को ख़ारिज कर दिया है. इस फैसले से यूपी के 16000 बच्चों को राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि छोटे बच्चों को दी जाने वाली शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता न किया जाए, ये सुनिश्चित करना राज्य सरकार का काम है.

चलते रहेंगे 16 हजार मदरसे! यूपी मदरसा एक्ट संविधान का उल्लंघन नहीं- SC ने पलटा हाईकोर्ट का फैसला
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 5 Nov 2024 12:55 PM IST

उत्तर प्रदेश में चल रहे 16,000 मदरसों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी मदरसा एक्ट को सही बताया है, साथ ही हाईकोर्ट के फैसले को पलट दिया है. फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मदरसा एक्ट संविधान का उल्लंघन नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी धार्मिक समुदाय की शैक्षणिक संस्थाओं को रेगुलेटेड करने वाले कानूनों को केवल इस तथ्य से धर्मनिरपेक्षता का उल्लंघन नहीं माना जा सकता. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की बेंच ने ये फैसला सुनाया है.

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद-30 में किसी भी समुदाय को अपनी धार्मिक शिक्षा को बढ़ावा देने का प्रावधान है, सिर्फ़ तभी जब संस्था को राज्य से धन मिलता है.

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि यह सुनिश्चित करना राज्य का काम है कि छोटे बच्चों को दी जाने वाली शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता न किया जाए, क्योंकि इससे उन्हें योग्य नागरिक बनने की उनकी यात्रा में रुकावट आ सकती है.

क्या है यूपी मदरसा एक्ट 2004?

इस एक्ट का उद्देश्य यूपी राज्य में मदरसों (इस्लामिक शिक्षण संस्थानों) के कामकाज को रेगुलेट और नियंत्रित करना है. इसने पूरे यूपी में मदरसों की स्थापना, मान्यता, पाठ्यक्रम और प्रशासन के लिए एक फ्रेमवर्क प्रदान किया है. इस अधिनियम के तहत, राज्य में मदरसों की गतिविधियों की देखरेख और पर्यवेक्षण के लिये उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड की स्थापना की गई थी.

हाईकोर्ट ने क्या दिया था फैसला?

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों और मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के कारण मदरसा एक्ट असंवैधानिक घोषित कर दिया था. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मदरसा में पढ़ रहे छात्रों को मान्यता प्राप्त स्कूलों में एडमिशन करने का निर्देश दिया था. साथ ही मदरसे में बच्चों को मिल रही शिक्षा को लेकर चिंता जताई थी.

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