Begin typing your search...

'CBI या पिंजरे वाला तोता?', 11 साल बाद सुप्रीम कोर्ट का फिर से फूटा गुस्सा, जानिए एजेंसी पर कब-कब उठे सवाल

Supreme Court to CBI: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को आज यानी सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई पर सवाल खड़े किए हैं. लेकिन ये पहली बार नहीं है कि कोर्ट ने जांच एजेंसी की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं.

CBI या पिंजरे वाला तोता?, 11 साल बाद सुप्रीम कोर्ट का फिर से फूटा गुस्सा, जानिए एजेंसी पर कब-कब उठे सवाल
X
Supreme Court Reprimands CBI
सचिन सिंह
by: सचिन सिंह

Updated on: 13 Sept 2024 5:17 PM IST

Supreme Court to CBI: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को आज यानी 13 सितंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है, लेकिन इसके साथ ही एक बार फिर से CBI कोर्ट के कटघरे में आ गई. कोर्ट ने एक ओर CM केजरीवाल को राहत दे दी तो दूसरी ओर केंद्रीय जांच एजेंसी को पिंजरे वाली तोता न बनने की हिदायत भी दे डाली.

'सीजर की पत्नी की तरह होना चाहिए निष्पक्ष'

सुनवाई के दौरान जस्टिस भुइयां ने कहा कि एक जांच एजेंसी को जूलियस सीजर की पत्नी की तरह निष्पक्ष होना चाहिए. उन्होंने कहा कि CBI को निष्पक्ष रूप से देखा जाना चाहिए और हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए ताकि गिरफ्तारी मनमानी तरीके से न हो. CBI को अपने लिए पिंजरे में बंद तोते वाली धारणा को दूर करना चाहिए. CBI को सीजर की पत्नी की तरह संदेह से परे होना चाहिए.

मनोज झा ने भी साजिश की कही बात

इंडिया अलायंस के नेता और आरजेडी सांसद मनोज झा ने मामले में बीजेपी पर अटैक करते हुए एएनआई से कहा कि ऐसा होना ही था. ऐसा हर मामले में होगा क्योंकि सभी मामले फर्जी, मनगढ़ंत थे और दिल्ली बीजेपी कार्यालय में रचे गए थे. यह न केवल ईडी, आयकर और सीबीआई बल्कि उन लोगों के लिए भी एक तमाचा है जिन्होंने यह साजिश रची. इस फैसले ने एक साफ मैसेज दिया है कि जब आप सत्ता में नहीं होंगे तो ये एजेंसियां ​​आपके दरवाजे भी खटखटाएंगी. हमें उस समय भी बुरा लगेगा क्योंकि राजनीति में प्रतिशोध के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए.

11 साल पहले कोयला घोटाले पर SC

पहली बार सुप्रीम कोर्ट ने ही आज से 11 साल पहले साल 2013 में सीबीआई को पिंजरे का तोता कहा था. सीबीआई ने छत्तीसगढ़ में गारे पाल्मा और राजगामार डिपसाइड कोयला ब्लॉकों के आवंटन और संचालन में कथित अनियमितताओं की जांच कर रही थी. इस मामले को लेकर भी सुप्रीम कोर्ट सीबीआई को फटकार लगा रही थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीबीआई का काम तोता में पिंजरे की तरह लग रहा है, जिसका आजाद होना बेहद जरूरी है. सीबीआई एक स्वतंत्र संस्‍था है और उसे अपनी गरिमा बरकरार रखनी चाहिए. हालांकि, डांट CBI को लग रही थी और निशाने पर तत्कालीन कोयला मंत्री अश्विनी कुमार थे. यह जांच 10 साल तक चली थी.

CBI ने खुद को बताया था रिपब्लिक ऑफ इंडिया

सुप्रीम कोर्ट ने 20 अक्टूबर 2023 को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को रिपब्लिक ऑफ इंडिया के रूप में कोर्ट में अपनी याचिका दायर करने के लिए कड़ी फटकार लगाई थी. जस्टिस ए.एस. ओका और जस्टिस पंकज मिथल की खंड पीठ ने कहा था, 'आपने रिपब्लिक ऑफ इंडिया के रूप में याचिका क्यों दायर की है? आप संघ या रिपब्लिक का प्रतिनिधित्व नहीं कर रहे हैं. आप इस तरह से अपनी याचिका दायर नहीं कर सकते हैं.'

सक्सेस रिपोर्ट मांग सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने 2021 में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए सफलता दर की रिपोर्ट मांगी थी. सुप्रीम कोर्ट को जांच एजेंसी ने बताया था कि पिछले 10 सालों में एजेंसी दोष सिद्ध करने में लगभग 65 से 70 प्रतिशत की सफल हो पाई है.

लैंड फॉर जॉब मामले में कार्यशैली पर उठा था सवाल

लैंड फॉर जॉब मामले में भी सीबीआई के ठंडे जांच वाले रवैये से सुप्रीम कोर्ट नाराज हो गया था और जमकर फटकार लगाई थी. सुनवाई के दौरान CBI ने कहा था कि अंतिम चार्जशीट अंतिम चरण में है. हम जून में चार्जशीट दाखिल कर देंगे. इसपर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि हर सुनवाई पर यही होता है. लैंड फॉर जॉब घोटाला लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान का है.

नवरूणा हत्याकांड में भी CBI को SC की फटकार

बिहार के बहुचर्चित नवरूणा हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को फटकार लगाई थी. SC ने सीबीआई से तीन महीने में हत्याकांड की जांच पूरी करने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अब आपको ज्यादा समय नहीं दिया जा सकता है. मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कोर्ट से 6 महीने का समय मांगा था, लेकिन कोर्ट ने फटकार लगाते हुए सीबीआई को 3 महीने में ही जांच पूरा करने का आदेश दिया.

उन्नाव रेप कांड में कोर्ट ने CBI को लगाई फटकार

उत्तर प्रदेश के उन्नाव गैंगरेप केस में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने जांच एजेंसी सीबीआई को भी फटकारा लगाई है. कोर्ट ने कहा था कि गैंगरेप वाले केस में सीबीआई ने एक साल चार्जशीट दाखिल करने में क्यों लगाया? कोर्ट ने जांच में देरी को लेकर एजेंसी की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े किए थे.

अगला लेख