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INS अरिहंत से दुश्मनों के घर तक! K-4 मिसाइल न्यूक्लियर सबमरीन फोर्स के लिए कितना होगा मददगार?

K-4 Ballistic Missile: K-4 मिसाइल भारत में बनाई गई परमाणु क्षमता वाली पनडुब्बी से प्रक्षेपित बैलिस्टिक मिसाइल (SLBM) है. यह भारत की रणनीतिक क्षमताओं का हिस्सा है और इसे पानी में पनडुब्बी से फायर करने के लिए डिजाइन किया गया है.

INS अरिहंत से दुश्मनों के घर तक! K-4 मिसाइल न्यूक्लियर सबमरीन फोर्स के लिए कितना होगा मददगार?
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K-4 Ballistic Missile
( Image Source:  x.com/DDIndialive )
सचिन सिंह
Edited By: सचिन सिंह

Updated on: 28 Nov 2024 6:03 PM IST

K-4 Ballistic Missile: भारत अपनी शक्तियों को बढ़ाते हुए परमाणु पनडुब्बी सेना के लिए K-4 मिसाइल का सफल परीक्षण कर लिया है. बंगाल की खाड़ी में किया गया यह परीक्षण भारत की रक्षा क्षमताओं के लिए मील का पत्थर है. ये परमाणु प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में कारगर साबित होगा.

न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, रक्षा सूत्रों ने बताया कि परीक्षण के परिणामों का सावधानीपूर्वक विश्लेषण किया जा रहा है. इसके बाद मिसाइल के प्रदर्शन का आकलन करने के लिए शीर्ष सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व को ब्रीफिंग दी जाएगी. यह परीक्षण भारत के परमाणु त्रिकोण को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण है, जिससे परमाणु हमले की स्थिति में देश की जवाबी कार्रवाई करने की क्षमता सुनिश्चित होगी.

के-4 बैलिस्टिक मिसाइल की खासियत

के-4 बैलिस्टिक मिसाइल की रेंज 3,500 किलोमीटर है. पानी के नीचे से लॉन्च किए जाने के लिए डिज़ाइन की गई K-4 बैलिस्टिक मिसाइल भारत के हथियार के जखीरों में सबसे महत्वपूर्ण है.

यह सफल परीक्षण INS अरिहंत को और मजबूत करता है , जिसे कुछ महीने पहले ही अगस्त 2024 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था. यह अपने पूर्ववर्ती INS अरिहंत की तुलना में अधिक शक्तिशाली मिसाइल प्रणाली सहित उन्नत तकनीक से लैस है.

INS अरिहंत में के-4 मिसाइलें लगी हैं जो 3,500 किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित लक्ष्यों पर हमला करने में सक्षम हैं. यह INS अरिहंत पर मौजूद के-15 मिसाइलों की रेंज से कहीं अधिक है, जिसकी मारक क्षमता लगभग 750 किलोमीटर है.

यह अपग्रेड INS अरिहंत को भारत के परमाणु ऊर्जा से चलने वाले पनडुब्बी बेड़े में एक मजबूत जोड़ बनाता है, जो देश को अपनी रणनीतिक रक्षा स्थिति में अधिक लचीलापन और ताकत देता है.

K-5 और K-6 की भी है तैयारी

5,000 किलोमीटर की रेंज वाली K-5 को भी डेवलप किया जा रहा है, जो क्षेत्रीय और अंतरमहाद्वीपीय स्ट्राइक क्षमता के बीच की खाई को खत्म कर देगा. साथ ही हैदराबाद में DRDO की एडवांस्ड नेवल सिस्टम यूनिट में MIRV (मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल रीएंट्री व्हीकल) क्षमता वाली 6,000 किलोमीटर की रेंज वाली SLBM K-6 को तैनात करने के प्रयास चल रहे हैं.

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