आजमी से आगाज, औरंगजेब Vs संभाजी पर संग्राम; महाराष्ट्र के फायरब्रांड नेताओं के बयान, नागपुर हिंसा का जिम्मेदार कौन?
नागपुर में सोमवार शाम को भीषण हिंसा भड़क उठी, जो शहर के इतिहास में 98 साल बाद इतनी गंभीर बताई जा रही है. इस हिंसा में तीन डीसीपी स्तर के अधिकारी घायल हो गए, जबकि पुलिस ने 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है. औरंगजेब बनाम संभाजी का विवाद जारी, बयानबाजी से माहौल गर्म इस पूरी घटना का संबंध औरंगजेब बनाम संभाजी को लेकर जारी विवाद से जोड़ा जा रहा है.

नागपुर में सोमवार शाम को भीषण हिंसा भड़क उठी, जो शहर के इतिहास में 98 साल बाद इतनी गंभीर बताई जा रही है. इस हिंसा में तीन डीसीपी स्तर के अधिकारी घायल हो गए, जबकि पुलिस ने 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है. औरंगजेब बनाम संभाजी का विवाद जारी, बयानबाजी से माहौल गर्म इस पूरी घटना का संबंध औरंगजेब बनाम संभाजी को लेकर जारी विवाद से जोड़ा जा रहा है. राजनीतिक गलियारों में इस पर तीखी बयानबाजी जारी है, जिससे माहौल और तनावपूर्ण हो गया है.
महाराष्ट्र विधानसभा में हंगामा, सड़कों पर प्रदर्शन
इस मुद्दे ने महाराष्ट्र विधानसभा में भी जमकर हंगामा खड़ा कर दिया. विपक्ष ने सरकार को घेरा, जबकि सत्ताधारी दल के पांच प्रमुख फायरब्रांड नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी. विधानसभा के बाहर भी लोगों ने प्रदर्शन किया, जिससे मामला और गरमा गया. अब सवाल उठता है कि औरंगजेब बनाम संभाजी विवाद पर किसने क्या कहा? महाराष्ट्र सरकार और विपक्ष ने इस मामले पर क्या रुख अपनाया?
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने नागपुर हिंसा पर राज्य विधानसभा में बोलते हुए. सोमवार को मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र के खिलाफ प्रदर्शन के बाद भड़की हिंसा के बाद नागपुर शहर के कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है. इस दौरान कई घरों और वाहनों में तोड़फोड़ की गई. (स्रोत: थर्ड पार्टी) (पूरा वीडियो पीटीआई वीडियो पर उपलब्ध है. इसके साथ ही फड़णवीस ने कहा कि छावा को देखकर हिंसा भड़क गई होगी लेकिन मैं छावा को जिम्मेदार नहीं मानता है.
नागपुर की घटना पर महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे ने कहा, 'अबू आज़मी इसके लिए ज़िम्मेदार हैं. उन्होंने ही इस मुद्दे को शुरू किया. यह सरकार को बदनाम करने के लिए एक सुनियोजित हिंसा थी. हम अपने पुलिसकर्मियों पर हाथ उठाने वालों को नहीं छोड़ेंगे. इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी.'
नागपुर हिंसा पर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा, 'मैं यह भी कहूंगा कि देश का सच्चा मुसलमान भी औरंगजेब का समर्थन नहीं करेगा. औरंगजेब महाराष्ट्र का दुश्मन था, देश का दुश्मन था. औरंगजेब देशद्रोही है. प्रदर्शनकारी छत्रपति संभाजी महाराज के गौरव के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं और जो लोग औरंगजेब का समर्थन करते हैं, उन्हें इतिहास पढ़ना चाहिए और फिल्म 'छावा' देखनी चाहिए.'
नागपुर की घटना पर समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आज़मी ने कहा, 'मुझे बहुत दुख और अफसोस है कि नागपुर, जहां सभी लोग सद्भाव के साथ रह रहे थे, पहले कभी सांप्रदायिक दंगे नहीं हुए, वहां इस बार इतनी बड़ी घटना हुई है. कई लोग घायल हुए हैं. मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि किसी के उकसावे में न आएं.मैं सभी से शांति बनाए रखने और देश की प्रगति के लिए काम करने की अपील करता हूं.'
नागपुर हिंसा पर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा, 'मैं मुख्यमंत्री नहीं हूं, न ही गृह मंत्री हूं, मुख्यमंत्री से पूछिए कि इसके (हिंसा के) पीछे कौन है. क्योंकि वहां आरएसएस का मुख्यालय है. यहां डबल इंजन की सरकार है, अगर डबल इंजन की सरकार विफल हो गई है तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए. आप चाहें तो उसकी (औरंगजेब की) कब्र हटा सकते हैं, लेकिन उस दौरान चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार को बुलाइए.'
नागपुर हिंसा पर शिवसेना यूबीटी नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि, 'भाजपा इस मामले में बेशर्म है क्योंकि यह घटना महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के गृहनगर में हुई है. दुख की बात है कि जब भाजपा शासन नहीं कर पाती है, तो वे हिंसा, दंगे का सहारा लेते हैं और हर राज्य में यही उनका तय फार्मूला है. अगर आप मणिपुर को देखें, तो वे महाराष्ट्र को भी यही बनाना चाहते हैं. वे 300-400 साल पहले जीने वाले किसी व्यक्ति का इतिहास खोदने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वे भविष्य के बारे में नहीं बोल सकते. वे वर्तमान के बारे में नहीं बोल सकते. विडंबना यह है कि कब्र की रक्षा केंद्र सरकार करती है.'