'स्थिर पर सामान्य नहीं', आर्मी चीफ बोले LAC पर भारत हर स्थिति के लिए तैयार
सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी ने बॉर्डर पर भारत की स्थिति के बारे में बताया की LAC की मौजूदा स्थिति संवेदनशील है और साथ ही देश को ये भरोसा दिलाया कि हम किसी भी स्थिति के लिए तैयार है. जनरल का बयान दिखाता है कि भारत एलर्ट है और चीन के साथ टेंशन को कम करने के लिए लगातार प्रयास भी कर रहा है.

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने चाणक्य डिफेंस डायलॉग में अपनी बात रखते हुए LAC की मौजूदा स्थिति को संवेदनशील बताया पर साथ ही ये भी कहा कि भारत किसी भी अनिश्चित समय के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि भारत-चीन LAC पर हालत स्थिर है लेकिन नॉर्मल नहीं है.
जनरल द्विवेदी ने यह भी बताया कि भारत की कोशिश है कि मई 2020 में शुरू हुए सैन्य गतिरोध से पहले की स्थिति को फिर से स्थापित किया जाए. इसके लिए जमीनी कब्जे, बफर जोन और गश्त के मामलों में पहले जैसी स्थिति को वापस लाना होगा. उनका कहना है कि जब तक पहले जैसी नहीं होती, तब तक स्थिति में संवेदनशीलता बनी रहेगी.
कूटनीतिक बातचीत
जनरल द्विवेदी ने यह भी बताया कि डिप्लोमैटिक बातचीत जारी रहने के बावजूद, समझौते का अमल बॉर्डर पर मौजूद सैनिकों पर निर्भर करता है. कूटनीतिक बातचीत के कारण पॉजीटिव सिग्नल मिल रहा है जो कि बहुत अच्छी बात है. लेकिन ये भी जरूर है कि इन प्रक्रियाओं के बावजूद सैनिकों का पीछे हटना संभव नहीं हो पा रहा है. हमें ये समझने की जरूरत है कि इस तरह की बातचीत और कई रास्ते देती है लेकिन जब जमीन पर निर्णय लेने का समय आता है तो ये पूरी तरह से सैनिकों पर ही निर्भर करता है कि वो कौन सा विकल्प चुनते हैं.
जम्मू-कश्मीर पर क्या कहा-
जम्मू-कश्मीर के हालात पर आर्मी चीफ ने कहा कि, "अमरनाथ यात्रा 5 लाख के जादुई आंकड़े को पार कर गई है, 2 करोड़ से ज्यादा सैलानी आ चुके हैं. आतंकवाद के मामले में 2024 में सिर्फ दो लोगों की भर्ती हुई है, जबकि पहले ये 100 से 300 हुआ करती थी. अगर आप इन सभी पैमानों को देखें, तो मुझे लगता है कि हम शांति की ओर बढ़ रहे हैं. अब जो आतंकवादी आए हैं, उनमें से ज्यादातर विदेशी हैं. हमने अपने सुरक्षा बलों में नया जोश भरा है और पूरा ध्यान उन पर रखा है. पुलिस में बड़े पैमाने पर बदलाव किए गए हैं. कोई भी राज्य तभी स्थिर हो सकता है, जब उसकी पुलिस इफेक्टिव हो. हम इसी को सशक्त बनाने की कोशिश कर रहे हैं."
गलवान घाटी की घटना
जून 2020 में लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच झड़पें हुईं, जो दोनों देशों के संबंधों में एक बड़ा मोड़ था. कोर कमांडर लेवल की 21 दौर की बातचीत के बावजूद, पूर्वी लद्दाख में देपसांग और डेमचोक जैसे महत्वपूर्ण जहां झड़प की घटना हुई थी वो प्वॉइंट अब भी अनसुलझे हैं.