पढ़ाई में अव्वल लेकिन नहीं बन पाए डॉक्टर, पढ़ें सीताराम येचुरी का सियासी सफर
अर्थशास्त्र में PHD, डॉक्टर बनने का सफर रहा अधूरा, जानें कैसा रहा सीताराम येचुरी का राजनीतिक सफर

भारतीय कॉम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के महासचिव रहे सीताराम येचुरी ने गुरुवार को आंखिरी सांस ली. 72 साल की उम्र में उनका निधन हुआ. सीताराम येचुरी की गिनती प्रमुख नेताओं में हुआ करती थी. वह राजनेता नहीं अपनी जिंदगी में एक सफल डॉक्टर बनना चाहते थे. लेकिन उनकी तकदीर को कुछ और ही मंजूर था. ऐसे में सवाल यह सामने आता है कि अगर उनका सपना डॉक्टर बनने का था तो आखिर फिर राजनीति में कब और कैसे उन्होंने कदम रखा. इसके पीछे की कहानी काफी दिलचस्प है. जिसे हम आपके साथ साझा करने आए हैं. चलिए जानते हैं.
पढ़ाई में थे अव्वल
पढ़ाई-लिखाई की अगर बात की जाए तो एक दम होशियार व्यक्तियों में उनकी गिनती की जाती थी. सन 1974 में उन्होंने स्टूडेंट्स ऑफ इंडिया यानी SFI से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी. इसी के एक साल बाद उन्हें CPI पार्टी का सदस्य बनने का मौका मिला. हुआ भी कुछ ऐसा ही. सन 1975 में उन्होंने राजनीति का सफर तय किया. वहीं राजनीति की लत उन्हें उस दौरान लगी जब साल 1970 में उन्हें JNU छात्रसंघ का तीन बार अध्यक्ष चुना गया. यह उस दौरान की बात है जब येचुरी और प्रकाश करात ने मिलकर जेएनयू में वामपंथ को मजबूती देने का काम किया था. यहीं से सीताराम येचुरी ने अपने राजनीतिक सफर को तय किया. ऐसा कहा जा सकता है कि इसके बाद उन्हेंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. 1984 में उन्हें CPI(M) का केंद्रीय समिति के सदस्य के रूप में चयनित किया गया. 1978 से 1998 तक पार्टी में उनका व्यक्तिगत और राजनीतिक कद बढ़ता गया.
जेल तक के खाने पड़े थे चक्कर
कहने में सुनने में यह सफर काफी सहज और सरल लगता है. लेकिन ऐसा नहीं था. कहते हैं न कि हर किसी की जिंदगी में मुश्किलों वाला दौर जरुर आता है. एक ऐसा समय सीताराम येचुरी की भी जिंदगी में आया था. जब राजनीति के कारण ही उन्हें जेल का सफर करना पड़ गया था. इसका प्रभाव उनकी पढ़ाई पर भी पड़ा. पढ़ाई में खलल ऐसे पैदा हुई की राजनीति में बेहतर और अच्छा प्रदर्शन दिखाने की चाह ने उन्हें इस घुमनघेरे में डाला कि उनकी PHD की पढ़ाई बीच में ही छूट गई. इस कारण उनके डॉक्टर बनने का भी सफर अधूरा ही रहा. लेकिन राजनेता के रूप में उन्होंने एक शानदार पहचान हासिल की थी.
हैदराबाद से चेन्नई तक का किया सफर
साल 1952 अगस्त 12 यह वो दिन और साल था. जब सीताराम येचुरी ने इस जिंदगी में पहला कदम रखा. दसवीं कक्षा तक कई पढ़ाई उन्होंने हैदराबाद में ऑल सेंट्स हाई स्कूल से ही की. साल 1969 में तेलंगाना आंदोलन के कारण उन्हें दिल्ली में आना पड़ा. 10 वीं कक्षा ती पढ़ाई के बाद दिल्ली में प्रेसिडेंट एस्टेट स्कूल में उन्होंने एडमिशन लिया यहां उन्होंने CBI बोर्ड से अपनी 12वीं तक की कक्षा पूरी की. 12 वीं में शानदार प्रदर्शन दिखाते हुए उन्होंने ऑल इंडिया में टॉप किया था. अपनी 12वीं की पढ़ाई खत्म कर उन्होंने JNU में एडमिशन लिया. जहां उन्होंने अर्थशास्त्र में बीए (ऑनर्स) किया.पढ़ाई में यहां भी उनका प्रदर्शन काफी अच्छा था. हालांकि राजनीति में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भी डॉक्टर का सपना पूरा न होने का उन्हें मलाल जरुर रहा होगा. JNU में अर्थशास्त्र और अर्थशास्त्र में PHD करने और डॉक्टर बनने का उनका सफर अधूरा रहा. 1975 में आपातकाल के दौरान हुई गिरफ्तारी के दौरान ही उनका यह सपना अधूरा रहा.