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शुभांशु शुक्ला की धरती पर 'मंगल' वापसी, अंतरिक्ष में कमाल करके लौटा देश का लाल, PM मोदी बोले- स्वागत है

भारत के पहले अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन विज़िटर ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला 18 दिन के ऐतिहासिक मिशन के बाद सफलतापूर्वक धरती पर लौट आए. स्पेस के ड्रैगन कैप्सूल से प्रशांत महासागर में उनकी सॉफ्ट लैंडिंग हुई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर उनका स्वागत करते हुए कहा कि उन्होंने अपने साहस और समर्पण से देश को गर्व महसूस कराया है.

शुभांशु शुक्ला की धरती पर मंगल वापसी, अंतरिक्ष में कमाल करके लौटा देश का लाल, PM मोदी बोले- स्वागत है
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( Image Source:  Social Media )
सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Updated on: 15 July 2025 3:58 PM IST

भारत ने अंतरिक्ष विज्ञान में एक नया अध्याय लिखा है. ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, जो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर रहने और काम करने वाले पहले भारतीय बने, मंगलवार को सफलतापूर्वक पृथ्वी पर लौट आए. स्पेसएक्स के ड्रैगन यान से प्रशांत महासागर में दोपहर 3:01 बजे IST पर उनकी सुरक्षित स्प्लैशडाउन लैंडिंग हुई, जिसने Axiom-4 (Ax-4) मिशन का समापन किया.

यह मिशन न केवल भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियों की नई ऊंचाई है, बल्कि आने वाले गगनयान मिशन के लिए एक ठोस नींव भी है. 1984 में राकेश शर्मा के बाद शुभांशु शुक्ला भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री बने, लेकिन उनका अंतरिक्ष स्टेशन पर जाना भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में मील का पत्थर साबित हुआ.

रफ्तार, रोमांच और सफलता- कैसे हुआ रिटर्न मिशन

18 दिन की ऐतिहासिक उड़ान के बाद शुभांशु शुक्ला और उनकी टीम कमांडर पेगी विटसन (अमेरिका), स्लावोस्ज उज़्नांस्की (पोलैंड), और तिबोर कापू (हंगरी) ISS से अनडॉकिंग के करीब 22 घंटे बाद पृथ्वी पर लौटे. 27,000 किमी/घंटा की रफ्तार से जब ड्रैगन यान पृथ्वी के वायुमंडल में दाखिल हुआ, तब अत्यधिक गर्मी और गुरुत्वीय दबाव ने टीम की सहनशक्ति की परीक्षा ली. सोनिक बूम की आवाज़ और पैराशूट खुलने के साथ ही यान धीरे-धीरे महासागर में उतरा, जहां से टीम को रेस्क्यू किया गया.

धरती पर स्वागत है: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि 'मैं देश के साथ मिलकर ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का स्वागत करता हूं, जो अपने ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन से पृथ्वी पर लौटे हैं। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा करने वाले भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री के रूप में उन्होंने अपने समर्पण, साहस और अग्रणी भावना से एक अरब सपनों को प्रेरित किया है. यह हमारे मानव अंतरिक्ष मिशन, गगनयान, की दिशा में एक और मील का पत्थर है.

'बचपन से ही शुभांशु कोआकाश छूने का शौक था'

ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की ऐतिहासिक 18 दिवसीय अंतरिक्ष यात्रा की सफल वापसी पर लखनऊ स्थित उनके परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई. जैसे ही अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से उनकी सुरक्षित वापसी की पुष्टि हुई, पूरे घर में उत्सव का माहौल बन गया. परिजनों ने मिठाइयाँ बांटीं, पूजा-अर्चना की और इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर गर्व जताया. शुक्ला की मां ने कहा, 'बचपन से ही उसे आकाश को छूने का शौक था, आज उसने सचमुच सितारों से बातें करके लौटने का सपना पूरा कर दिया.

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