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150 करोड़ की ज़मीन 'तोहफे' में! शिवसेना सांसद के ड्राइवर को सालार जंग परिवार से मिला गिफ्ट

महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में शिवसेना सांसद संदीपन भुमरे के ड्राइवर जावेद शेख को हैदराबाद के सालार जंग परिवार ने 150 करोड़ की ज़मीन गिफ्ट में दी. इस पर ईओडब्ल्यू ने जांच शुरू की है. जावेद ने इसे निजी संबंध बताया, जबकि वकील का सवाल है कि बिना खून के रिश्ते और अलग समुदाय के व्यक्ति को जमीन क्यों दी गई.

150 करोड़ की ज़मीन तोहफे में! शिवसेना सांसद के ड्राइवर को सालार जंग परिवार से मिला गिफ्ट
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प्रवीण सिंह
Edited By: प्रवीण सिंह

Published on: 27 Jun 2025 9:05 AM

महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है. शिवसेना सांसद संदीपन भुमरे के ड्राइवर जावेद रसूल शेख को हैदराबाद के मशहूर सालार जंग परिवार के वंशजों ने तीन एकड़ की बेशकीमती ज़मीन गिफ्ट में दे दी है. ज़मीन की कीमत करीब 150 करोड़ रुपये आंकी गई है.

इस 'तोहफे' को लेकर अब आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने जांच शुरू कर दी है. पुलिस इस बात की तहकीकात कर रही है कि आखिर एक साधारण ड्राइवर का संबंध सालार जंग जैसे रईस और प्रतिष्ठित परिवार से कैसे हुआ.

पुलिस आयुक्त प्रवीन पवार के मुताबिक, यह जांच एक वकील की शिकायत के आधार पर शुरू हुई है, जिन्होंने जालना रोड के दाऊदपुरा इलाके में इस ज़मीन के 'हिबानामा' (गिफ्ट डीड) को लेकर आपत्ति जताई थी.

ड्राइवर की सफाई: "रिश्ते अच्छे हैं, इसलिए जमीन दी गई"

ड्राइवर जावेद शेख का कहना है कि वह सालार जंग के वंशजों से व्यक्तिगत रूप से अच्छे संबंध रखते हैं और इसी वजह से उन्हें यह ज़मीन दी गई. उन्होंने जांच में सहयोग करने की बात भी कही है.

सालार जंग परिवार से कोई खून का रिश्ता नहीं!

वकील मुजाहिद खान, जिनकी शिकायत से जांच शुरू हुई, ने सवाल उठाया कि “सालार जंग जैसे प्रभावशाली परिवार ने एक ऐसे व्यक्ति को जो न उनका रिश्तेदार है और न ही समुदाय से संबंध रखता है, इतनी कीमती ज़मीन गिफ्ट क्यों की?” खान का कहना है कि हिबानामा (तोहफे की कानूनी प्रक्रिया) आमतौर पर खून के रिश्तेदारों के बीच होती है. ऐसे में ड्राइवर को यह ज़मीन कैसे और क्यों मिली, यह संदेहास्पद है.

सांसद और बेटे की सफाई

ड्राइवर जावेद, बीते 13 वर्षों से शिवसेना सांसद संदीपन भुमरे और उनके विधायक बेटे विलास भुमरे के साथ काम कर रहे हैं. विधायक विलास भुमरे ने कहा, “जावेद हमारा ड्राइवर है, लेकिन हम उसकी हर गतिविधि के लिए ज़िम्मेदार नहीं हैं. हिबानामा एक वैध प्रक्रिया है, और हम इसमें कुछ भी अवैध नहीं देखते.”

अब आगे क्या?

पुलिस अब जावेद के आयकर रिटर्न, अन्य आय के स्रोतों और सालार जंग परिवार के दस्तावेजों की जांच करेगी. वहीं, गिफ्ट डीड पर दस्तखत करने वाले मिर्जा मज़हर अली खान और छह अन्य को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा गया है, लेकिन अब तक उनका जवाब नहीं मिला है.

यह मामला न सिर्फ एक आम व्यक्ति की रातोंरात करोड़पति बनने की कहानी है, बल्कि इससे जुड़े राजनीतिक और कानूनी सवाल भी गहराते जा रहे हैं. क्या यह सिर्फ एक ‘तोहफा’ है या किसी बड़े जमीन घोटाले की आहट? इसका जवाब आने वाली जांच से मिलेगा.

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