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SEBI का बड़ा एक्शन, इस कंपनी पर लगाया अब तक का सबसे बड़ा जुर्माना; 4,843 करोड़ की होगी वसूली

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने 4 जुलाई को अमेरिकी ट्रेडिंग फर्म Jane Street Group पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए ₹4,843.57 करोड़ का जुर्माना ठोका है. यह कार्रवाई इंडेक्स ऑप्शन मैनिपुलेशन के एक हाई-प्रोफाइल मामले में हुई है जिसमें Jane Street ने कथित तौर पर एक सुनियोजित रणनीति के तहत BANKNIFTY और NIFTY इंडेक्स को गुमराह कर मुनाफा कमाया.

SEBI का बड़ा एक्शन, इस कंपनी पर लगाया अब तक का सबसे बड़ा जुर्माना; 4,843 करोड़ की होगी वसूली
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प्रवीण सिंह
Edited By: प्रवीण सिंह

Published on: 4 July 2025 11:34 AM

भारतीय शेयर बाजार के इतिहास में पहली बार इतनी बड़ी कार्रवाई करते हुए, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने अमेरिकी ट्रेडिंग दिग्गज Jane Street Group पर 4,843.57 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड जुर्माना लगाया है. यह जुर्माना ग्रुप द्वारा NSE के BANKNIFTY और NIFTY इंडेक्स में 'सुनियोजित हेरफेर' के जरिए अवैध रूप से मुनाफा कमाने के चलते लगाया गया है.

सेबी की 105 पन्नों की रिपोर्ट के अनुसार, Jane Street की चार कंपनियों - JSI Investments, JSI2 Investments, Jane Street Singapore, और Jane Street Asia Trading- ने ऑप्शन एक्सपायरी वाले दिनों में बड़ी मात्रा में खरीद-फरोख्त कर मार्केट को गुमराह किया और खुद भारी मुनाफा कमाया. यह कार्रवाई सिर्फ जुर्माने तक सीमित नहीं है- SEBI ने इन कंपनियों के भविष्य के ट्रेडिंग पर भी कड़ी पाबंदियां लगाई हैं और यह मुनाफा जब्त करने का आदेश भी जारी किया है.

SEBI की 105 पेज की अंतरिम ऑर्डर रिपोर्ट में कहा गया कि Jane Street Group की चार प्रमुख इकाइयों - JSI Investments Pvt Ltd, JSI2 Investments Pvt Ltd, Jane Street Singapore Pte Ltd, Jane Street Asia Trading Ltd ने एक साथ मिलकर बेहद सुनियोजित ‘इन्ट्राडे इंडेक्स मैनिपुलेशन’ रणनीति का इस्तेमाल किया और इसमें ₹4,843.57 करोड़ का अवैध लाभ कमाया.

कैसे हुआ मैनिपुलेशन?

SEBI के अनुसार, Jane Street ने हफ्ते में एक बार आने वाली BANKNIFTY और NIFTY ऑप्शन की एक्सपायरी डेट्स को टारगेट किया. उदाहरण के तौर पर, 17 जनवरी 2024 को ग्रुप ने सुबह के सत्र में ₹4,370 करोड़ के बैंकिंग स्टॉक्स और फ्यूचर्स खरीदे, जिससे मार्केट में एक ‘बुलिश’ संकेत गया.

लेकिन दोपहर बाद Jane Street ने उन्हीं स्टॉक्स को आक्रामक तरीके से बेचना शुरू किया, जिससे BANKNIFTY गिरने लगा. इस गिरावट के दौरान उन्होंने पहले से खरीदे गए पुट ऑप्शन्स से जबरदस्त मुनाफा कमाया, जबकि कॉल ऑप्शन बेकार हो गए. कुल मिलाकर, उस दिन ग्रुप ने 32,115 करोड़ रुपये की शॉर्ट पोजीशन ली और 5,372 करोड़ के स्टॉक्स और फ्यूचर्स बेचे. इस दौरान कंपनी ने 735 करोड़ का नेट प्रॉफिट कमाया जबकि 61.6 करोड़ रुपये का नकली घाटा दिखाया.

दोहराया गया पैटर्न

  • SEBI ने पाया कि यह रणनीति सिर्फ एक दिन की नहीं थी, बल्कि इस तरह की हेराफेरी ग्रुप ने 21 एक्सपायरी दिनों पर की.
  • Strategy A: BANKNIFTY एक्सपायरी के दिन भारी खरीद और फिर सेलिंग
  • Strategy B: फ्यूचर्स में भारी शॉर्ट सेलिंग और ऑप्शन में उल्टी पोजीशन
  • NIFTY Strategy: मई 2025 में 3 एक्सपायरी के दिन ₹4,911 करोड़ के NIFTY फ्यूचर्स खरीदे और ₹38,297 करोड़ की लॉन्ग पोजीशन बनाई

SEBI का निष्कर्ष

SEBI के मुताबिक, यह सब एक "Profit Maximising Manipulative Scheme" थी, जिससे Jane Street ने जानबूझकर मार्केट को गुमराह किया. सेबी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा, "Jane Street Group ने मार्केट के भरोसे को चोट पहुंचाई है. उन्होंने रिटेल निवेशकों को भ्रमित कर इंडेक्स ऑप्शन में अवैध लाभ कमाया." रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि ग्रुप को फरवरी 2025 में NSE की चेतावनी मिली थी लेकिन उन्होंने रणनीति जारी रखी.

सजा क्या है?

  • ₹4,843.57 करोड़ की राशि जब्त होगी
  • यह रकम JSI Investments, JSI2, Jane Street Singapore, Jane Street Asia Trading से संयुक्त रूप से वसूली जाएगी
  • पूरी रकम SEBI के एस्क्रो अकाउंट में जमा होगी
  • फ्यूचर ट्रेडिंग पर पाबंदी और जांच पूरी होने तक कड़ी निगरानी

इस घटना का असर

  • निवेशकों में डर और चिंता
  • हाई-फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग पर फिर से बहस
  • SEBI की सख्त भूमिका की सराहना
  • Jane Street की ग्लोबल रेपुटेशन पर असर

SEBI की इस कार्रवाई ने साफ कर दिया है कि भारत के वित्तीय बाजारों में कोई भी हेराफेरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी, चाहे वह कितनी भी बड़ी फर्म क्यों न हो. यह जुर्माना सिर्फ एक आर्थिक दंड नहीं बल्कि एक कड़ा संदेश है कि ‘Play fair or get out’.

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