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सत्यपाल मलिक ने कब-कब पीएम मोदी के खिलाफ खोला मुंह? चार्जशीट दायर होने की खबर सुनते ही अब अस्पताल में हो गए भर्ती

जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के खिलाफ CBI ने किरू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार को लेकर चार्जशीट दाखिल की है. मलिक पर आरोप है कि उन्होंने इस ₹2200 करोड़ की परियोजना में गड़बड़ी की. हालांकि, मलिक ने कहा था कि उन्होंने पीएम मोदी को इसकी जानकारी दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. मलिक पहले भी पुलवामा हमले, किसान आंदोलन और नीतिगत फैसलों को लेकर पीएम मोदी पर तीखे हमले कर चुके हैं. चार्जशीट की खबर सामने आते ही उन्होंने अस्पताल में भर्ती होने की जानकारी भी साझा की है.

सत्यपाल मलिक ने कब-कब पीएम मोदी के खिलाफ खोला मुंह? चार्जशीट दायर होने की खबर सुनते ही अब अस्पताल में हो गए भर्ती
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Satya Pal Malik CBI Chargesheet: जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने किरू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार के आरोप में चार्जशीट दायर की है. यह मामला किश्तवाड़ में 2019 में ₹2,200 करोड़ की लागत वाले इस परियोजना के ठेके में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है. CBI ने मलिक, उनके दो निजी सचिवों और चार अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में यह कार्रवाई की है.

चार्जशीट दाखिल होने के बाद, मलिक ने सोशल मीडिया पर लिखा कि उनकी तबीयत खराब है और वे अस्पताल में भर्ती हैं. उन्होंने X पर कहा कि उनकी हालत बहुत खराब है. वे किसी से भी बात करने की हालत में नहीं हैं. उन्हें 11 मई से राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पिछले तीन दिनों से उनकी किडनी डायलिसिस की जा रही है.

मलिक ने मामले पर क्या कहा?

मलिक ने पहले दावा किया था कि उन्हें किरू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट से संबंधित दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए ₹300 करोड़ की रिश्वत की पेशकश की गई थी. उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि इस मामले में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सूचित किया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. मलिक ने 23 अगस्त 2018 से 30 अक्टूबर 2019 के बीच जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में काम किया.

पीएम मोदी के खिलाफ कब-कब बोले सत्यपाल मलिक?

  1. सत्यपाल मलिक ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ कई बार सार्वजनिक रूप से बयान दिए हैं. उन्होंने पुलवामा हमले को लेकर खुलकर कहा था कि अगर उस वक्त की खुफिया चेतावनियों पर ध्यान दिया गया होता, तो जवानों की शहादत रोकी जा सकती थी.
  2. मलिक ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री ने उन्हें चुप रहने को कहा था, जब उन्होंने सिस्टम की विफलता की बात की थी.
  3. इसके अलावा, मलिक ने मोदी सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री 'बेशर्म' और 'कायर' हैं. उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए.
  4. किसान आंदोलन के समय भी मलिक ने केंद्र सरकार और पीएम मोदी की नीतियों को जमकर कोसा था. उन्होंने यहां तक कह दिया कि मोदी को किसानों की नहीं, उद्योगपतियों की चिंता है.
  5. मलिक ने यह भी कहा कि सरकार कार्पोरेट घरानों के दबाव में चल रही है और मोदी 'हठधर्मी' तरीके से फैसले ले रहे हैं.

क्या है पूरा मामला?

यह मामला ₹2,200 करोड़ की लागत वाले हाइडल प्रोजेक्ट में सिविल वर्क का टेंडर गलत तरीके से देने से जुड़ा है. मामला उस समय का है जब सत्यपाल मलिक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे. आरोप है कि Chenab Valley Power Projects Pvt. Ltd. द्वारा प्रोजेक्ट का ठेका देते समय ई-टेंडरिंग की गाइडलाइंस का पालन नहीं किया गया. फरवरी 2024 में CBI ने दिल्ली और जम्मू-कश्मीर समेत 30 से ज़्यादा स्थानों पर छापे मारे थे और ₹21 लाख से अधिक नकद, डिजिटल डिवाइसेज़ और अन्य दस्तावेज़ ज़ब्त किए थे.

CBI ने यह भी कहा कि टेंडर प्रक्रिया में बड़े स्तर पर गड़बड़ी हुई थी और जानबूझकर पारदर्शिता के नियमों की अनदेखी की गई. अब इस मामले में मलिक और उनके सहयोगियों पर कानूनी शिकंजा कसता नजर आ रहा है.

यह मामला राजनीतिक और कानूनी दोनों दृष्टिकोणों से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह एक ऐसे व्यक्ति से जुड़ा है, जिन्होंने सरकार के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए हैं और अब खुद भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं.

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