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हार नहीं मानूंगा! लंबे समय तक हाशिए पर रहे फायरब्रांड प्रवक्ता संबित पात्रा पर BJP को क्‍यों है भरोसा?

संबित पात्रा कभी बीजेपी के फायरब्रांड प्रवक्ता थे. बाद में, उन्हें लंबे समय तक हाशिए पर रखा गया. वे बहुत कम या न के बराबर टीवी डिबेट में शामिल होते थे, लेकिन अब बीजेपी ने उन पर भरोसा करते हुए उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. पात्रा ओडिशा की पुरी सीट से सांसद हैं. उन्हें 2019 में इस सीट पर हार का सामना करना पड़ा था.

हार नहीं मानूंगा! लंबे समय तक हाशिए पर रहे फायरब्रांड प्रवक्ता संबित पात्रा पर BJP को क्‍यों है भरोसा?
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( Image Source:  ANI )

Sambit Patra: मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने 9 फरवरी को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को अपना इस्तीफा पत्र सौंपा. इस दौरान उनके साथ बीजेपी सांसद संबित पात्रा भी नजर आए. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि संबित पात्रा तो ओडिशा की पुरी सीट से सांसद हैं, तो वे मणिपुर में क्या कर रहे हैं? आइए, इसका जवाब जानने की कोशिश करते हैं...

दरअसल, मणिपुर मई 2023 से जातीय संघर्ष की आग में झुलस रहा है, जिसमें सैकड़ों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी, जबकि कई परिवार पलायन करने को मजबूर हुए. इसी दौरान बीरेन सिंह से इस्तीफा देने की मांग होने लगी, जिसमें बीजेपी विधायक भी शामिल रहे. कांग्रेस ने भी अविश्वास प्रस्ताव पेश करने की बात कही, जिससे राज्य में सियासी संकट पैदा हो गया. इसी समस्या का हल निकालने के लिए पात्रा को मणिपुर भेजा गया है.

आज से करीब 10-11 साल पहले संबित पात्रा बीजेपी के फायरब्रांड प्रवक्‍ता हुआ करते थे. पात्रा को 2019 में पुरी से लोकसभा चुनाव का टिकट दिया गया, लेकिन वे यह चुनाव हार गए. इसके बाद, वो अचानक सार्वजनिक मंचों से नदारद रहने लगे. ऐसा लगने लगा कि जैसे पार्टी ने उन्हें कुछ साइड लाइन कर दिया हो. वे बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता जरूर थे, लेकिन डिबेट से गायब रहने लगे. लेकिन पार्टी का भरोसा उनपर कायम था.

2024 में पुरी से एक लाख वोटों से जीते पात्रा

पात्रा 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले फिर से उसी अंदाज में एक्टिव नजर आने लगे. हालांकि, इस बार उनका बोलने और चीजों पर अपनी राय रखने का अंदाज बदला-बदला सा था. पार्टी ने एक बार फिर उन पर फोकस करना शुरू किया और उन्हें 2024 में पुरी से ही दूसरी बार चुनावी मैदान में उतारा. इस बार पात्रा ने भी पार्टी को निराश नहीं किया. इस चुनाव में भाजपा की सीटें तो कम आई, लेकिन पात्रा अपनी सीट से इस बार करीब 1 लाख वोटों से जीत गए.

सांसद बनने के बाद संबित पात्रा का एक बार फिर कद बढ़ने लगा. उन्होंने कई प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस और विपक्षी दलों पर हमला बोला. इसके बाद अब वे मणिपुर में सियासी संकट का हल निकालने के लिए भेजे गए हैं.

झारखंड के धनबाद में हुआ पात्रा का जन्म

संबित पात्रा का जन्म 13 दिसंबर 1974 को झारखंड के धनबाद में हुआ. उन्होंने बोकारों के चिन्मयानंद स्कूल से शुरुआती पढ़ाई की. इसके बाद 1997 में उन्होंने वीएसएस मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, संबलपुर, ओडिशा से एमबीबीएस की. इसके बाद पात्रा ने उत्कल यूनिवर्सिटी से जनरल सर्जन की डिग्री हासिल की.

2003 में पास की UPSC CMS एग्जाम

पात्रा ने 2003 में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की कंबाइंड मेडिकल सर्विसेज (CMS) एग्जाम पास किया. इसके बाद वे मेडिकल ऑफिसर बन गए और हिंदूराव अस्पताल ज्वाइन कर लिया. इसी दौरान उन्होंने स्वराज नाम के एक NGO की स्थापना की, जिसका मकसद गरीबों को फ्री इलाज या मदद करना था. इसी दौरान उनकी पहचान बीजेपी के कई नेताओं से हुई, जिसके बाद उन्होंने मेडिकल ऑफिसर के पद से इस्तीफा दे दिया और बीजेपी का दामन थाम लिया.

बीजेपी ने बनाया राष्ट्रीय प्रवक्ता

बीजेपी में शामिल होने के बाद पात्रा को दिल्ली इकाई का प्रवक्ता बनाया गया. वे डिबेट में बड़े-बड़े नेताओं की बोलती बंद कर देते थे, जिसके बाद उन्हें राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया गया. पात्रा ने कश्मीरी गेट से पार्षद का चुनाव लड़ा था, लेकिन जीत नहीं पाए. इसके बाद, उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव में भी टिकट दिया गया, लेकिन इस चुनाव में भी उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा, लेकिन बीजेपी ने उन पर 2024 के लोकसभा चुनाव में भी भरोसा करते हुए टिकट दिया. हालांकि, इस बार उन्होंने 1 लाख 4 हजार 709 वोटों से जीत दर्ज की.

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