भारत पहुंचा आसमानी कवच, हवा में नाकाम होगी पाक-चीन की मिसाइलें, एयर मार्शल चीफ ने किया कन्फर्म
S-400 Missile System Units: चीन लगातार भारत से जमीनी विवाद को बढ़ावा देता है. इस दौर में भारत के लिए अपनी शक्ति को बढ़ाना काफी अहम है. भारत ने आसमान से आए मिसाइल से रक्षा के लिए रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम यूनिट्स की डील की है, जिसकी तीन यूनिट्स भारत पहुंच गई है.

S-400 Missile System Units: भारत लगातार अपनी सुरक्षा और सैन्य ताकत को बढ़ाने की ओर काम कर रहा है. इसी के साथ अब भारत को पाकिस्तान और चीन की ओर से दागे गए मिसाइलों को नाकाम करने की शक्ति मिल गई है. एयर मार्शल चीफ अमर प्रीत सिंह ने शुक्रवार को कहा कि रूस ने भारत को तीन एस-400 मिसाइल सिस्टम यूनिट्स की आपूर्ति की है और अगले साल तक बाकी दो यूनिट्स की आपूर्ति होगी.
वायुसेना दिवस से पहले आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए वायुसेना चीफ ने संभावित सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए घरेलू स्तर पर विकसित हथियार प्रणालियों पर जोर देने की बात कही. उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना का लक्ष्य 2047 तक अपने सभी हथियारों का निर्माण भारत में ही करना है.
भारत का आत्मनिर्भर होना जरूरी -एयर मार्शल चीफ
एयर मार्शल चीफ ने कहा, 'जब संघर्ष की स्थिति आती है. अगर आप अपने हथियार बाहर से मंगवाने पर निर्भर हैं तो आपके लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं. अगर आपको युद्ध लड़ना है तो आपको उन्हें भारत में ही बनवाना होगा. आप उन्हें खरीदकर उस आपूर्ति सीरीज पर निर्भर नहीं रह सकते हैं.
उन्होंने कहा, 'यह जरूरी है कि ये चीजें भारत में ही बनाई जाए. हम हमेशा के लिए सब कुछ जमा करके नहीं रख सकते हैं, लेकिन ये चीजें हमेशा चलती रहेंगी. अगर हम जमा करते रहेंगे तो बर्बादी होगी. वायुसेना चीफ ने विदेशी क्षेत्रों में दुश्मनों पर हमले करने की भारत की क्षमता पर बात की. उन्होंने कहा, 'हमारे पास विदेशी भूमि में अपने दुश्मनों पर हमला करने की क्षमता है और हमने बालाकोट हवाई हमलों में इसे दिखाया है.'
रूस ने 5.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर के सौदे के तहत पहले ही भारत को लंबी दूरी की मिसाइल प्रणाली की तीन यूनिट्स प्रदान कर दी हैं. भारत अपनी वायु शक्ति क्षमताओं को बढ़ाने के लिए सिस्टम को खरीद रहा है. भारत का ये फैसला मुख्य रूप से चीन से सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करने के लिए है.