रेलवे कोई कोर्ट नहीं जो ऐसे आदेश देगा... NDLS पर हुई भगदड़ के वीडियो हटाने की बात पर भड़के लोग
रेल मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X को पत्र लिखकर 15 फरवरी को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ से जुड़े 250 वीडियो और फोटो हटाने की मांग की. मंत्रालय ने एथिकल नॉर्म्स और आईटी पॉलिसी का हवाला दिया. इस हादसे में 18 लोगों की मौत हुई और 15 घायल हुए. पीड़ित परिवारों ने आपत्तिजनक तस्वीरें हटाने की अपील की.

रेल मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X को पत्र लिखकर 15 फरवरी को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ से जुड़े वीडियो और फोटो हटाने की मांग की है. मंत्रालय ने इसका कारण एथिकल नॉर्म्स बताया है और X से अनुरोध किया है कि 36 घंटे के भीतर करीब 250 वीडियो हटाए जाएं. हालांकि, अभी तक X की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. हालांकि लोगों ने रिएक्शन आ गए हैं. लोगों ने रेलवे पर कई सवाल उठाए हैं.
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, यह भगदड़ प्लेटफॉर्म नंबर 14 और 15 के बीच सीढ़ियों पर हुई. प्लेटफॉर्म 14 पर पटना जाने वाली मगध एक्सप्रेस खड़ी थी, जबकि प्लेटफॉर्म 15 पर जम्मू जाने वाली उत्तर संपर्क क्रांति खड़ी थी. घटना उस समय हुई जब यात्री फुट ओवर ब्रिज से नीचे उतर रहे थे और सीढ़ियों पर फिसलकर गिरने के कारण भगदड़ मच गई.
15 फरवरी को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 15 फरवरी को महाकुंभ जाने वाले यात्रियों की भारी भीड़ जमा हो गई थी. स्पेशल ट्रेनों के लेट होने और प्लेटफॉर्म बदलने की घोषणा के कारण अचानक भगदड़ मच गई. इस घटना में 18 लोगों की मौत हो गई, जबकि 15 लोग घायल हुए.
इस घटना की जांच के लिए रेलवे प्रशासन ने दो सदस्यीय समिति का गठन किया है. इस समिति में नॉर्दर्न रेलवे के पीसीसीएम नरसिंग देव और पीसीएससी पंकज गंगवार शामिल हैं. समिति को स्टेशन की वीडियो फुटेज और अन्य साक्ष्यों का विश्लेषण कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.
पीड़ित परिवारों ने वीडियो हटाने की मांग की
रेल मंत्रालय ने X को पत्र लिखकर महिलाओं और रक्तरंजित शवों की तस्वीरें हटाने को कहा है, क्योंकि यह पीड़ितों के परिवारों के लिए दुखद हो सकती हैं. हादसे के अगले दिन, 16 फरवरी को मंत्रालय ने यह निर्देश जारी किया और X को 36 घंटे का समय दिया है.
बता दें, कुछ पीड़ित परिवारों ने मंत्रालय से इन तस्वीरों को हटाने का अनुरोध किया, क्योंकि वे मृतकों के प्रति असम्मानजनक और जीवित बचे लोगों के लिए भावनात्मक रूप से परेशान करने वाली हैं. मंत्रालय को एक पीड़ित परिवार से शिकायत मिलने के बाद अन्य वीडियो और तस्वीरों की पहचान की गई, जिनमें कम से कम आधा दर्जन वीडियो प्रचलन में थे.
लोगों ने क्या कहा?
लोगों ने लिखा कि रेलवे कोई कोर्ट या अथॉरिटी नहीं नहीं है. एक्स ऐसे नोटिस का पालन करने के लिए बाध्य नहीं है. वहीं, कुछ लोगों ने कहा कि रेलवे सही से व्यवस्था नहीं संभाल पाती है और जब हादसा होता है तो वो वीडियो हटवाती है.