CJI सूर्यकांत के शपथ ग्रहण समारोह से गायब रहे राहुल गांधी, BJP ने कहा- संसद में हंगामा करने के अलावा...
जस्टिस सूर्यकांत ने आज भारत के चीफ जस्टिस के रूप में शपथ ली. उनका शपथ ग्रहण समारोह राष्ट्रपति भवन में हुआ. जहां विपक्ष के नेता राहुल गांधी नहीं पहुंचे. उनकी गैरमौजूदगी पर अब भाजपा ने सवाल उठाना शुरू कर दिया है.
देश के नए मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत के शपथ ग्रहण समारोह में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की अनुपस्थिति को लेकर सियासी बहस तेज हो गई है. राष्ट्रपति भवन में आयोजित इस महत्वपूर्ण संवैधानिक कार्यक्रम में कई देशों के प्रतिनिधिमंडल मौजूद रहे, लेकिन राहुल गांधी की गैर-मौजूदगी पर भाजपा नेताओं ने सोशल मीडिया पर तीखे सवाल खड़े किए हैं.
गौरतलब है कि इससे पहले भी राहुल गांधी स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले पर आयोजित समारोह में शामिल नहीं हुए थे, जिसके बाद विपक्षी नेता के दायित्वों पर लगातार सवाल उठते रहे हैं.
बीजेपी नेता प्रदीप भंडारी का सवाल
बीजेपी नेता प्रदीप भंडारी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए राहुल गांधी पर तंज कसा. उन्होंने लिखा “भारत के नए चीफ जस्टिस सूर्यकांत के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में राहुल गांधी क्यों शामिल नहीं हुए? बतौर विपक्ष के नेता वे कार्यवाही में बाधा डालने और शपथ ग्रहण समारोहों से दूरी बनाने के अलावा और क्या महत्वपूर्ण काम कर रहे हैं?”
भंडारी ने सवाल उठाया कि यदि संवैधानिक पदों के महत्वपूर्ण आयोजनों में भी विपक्ष का नेता शामिल नहीं होता, तो यह लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति किस तरह की जिम्मेदारी को दर्शाता है.
बीजेपी प्रवक्ता सीआर केसवन का आरोप
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सीआर केसवन ने भी राहुल गांधी के अनुपस्थित रहने पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने पोस्ट में लिखा “आज लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी भारत के नए मुख्य न्यायाधीश के शपथ ग्रहण समारोह में अनादरपूर्वक शामिल नहीं हुए. उपराष्ट्रपति के शपथ ग्रहण से लेकर स्वतंत्रता दिवस समारोह तक, उनकी बार-बार अनुपस्थिति संविधान के प्रति उनकी अरुचि को दर्शाती है.” उन्होंने आगे कहा कि यह रवैया लोकतांत्रिक मर्यादाओं के विपरीत है और जनता इसे स्वीकार नहीं करेगी.
अमित मालवीय का दावा,“फिर गायब, पता नहीं कहां हैं”
भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने भी राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए ‘एक्स’ पर लिखा कि “मुख्य न्यायाधीश बने जस्टिस सूर्यकांत के शपथ ग्रहण समारोह में विपक्ष के नेता एक बार फिर गायब थे. किसी को नहीं पता कि वे कहां हैं या उन्होंने इस महत्वपूर्ण संवैधानिक कार्यक्रम में हिस्सा क्यों नहीं लिया.” मालवीय ने कहा कि विपक्ष के नेता को ऐसे आयोजनों में शामिल होना चाहिए, क्योंकि यह देश की संवैधानिक प्रक्रिया का सम्मान है.





