आधार बनवाना नहीं रहेगा बच्चों का खेल! UIDAI ने बदल दिए नियम, पासपोर्ट, राशन और सर्टिफिकेट से होगी कड़ाई से जांच
UIDAI ने आधार पंजीकरण के नियम कड़े कर दिए हैं ताकि अवैध प्रवासियों द्वारा फर्जी दस्तावेज़ों के ज़रिए आधार कार्ड बनवाने की कोशिशों को रोका जा सके. अब केवल सत्यापित वयस्क भारतीय नागरिकों को ही आधार मिलेगा. पासपोर्ट, राशन कार्ड, जन्म प्रमाणपत्र जैसे दस्तावेज़ों की ऑनलाइन जांच के साथ एक नई तकनीक भी तैयार की जा रही है, जिससे किसी भी अवैध पहचान को सिस्टम में घुसने से रोका जा सके.

आधार कार्ड, जिसे मूल रूप से केवल पहचान प्रमाण के रूप में विकसित किया गया था, अब इसे नागरिकता के अप्रत्यक्ष प्रमाण के रूप में मजबूती देने की कोशिश की जा रही है. केंद्र सरकार और UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) ने अब आधार पंजीकरण की प्रक्रिया को सख्त कर दिया है ताकि फर्जी दस्तावेज़ों के ज़रिए अवैध प्रवासियों को आधार नंबर न मिल सके.
पिछले 15 वर्षों में देश में 140 करोड़ से अधिक आधार जारी हो चुके हैं. इनमें कुछ मृत व्यक्तियों के आधार भी शामिल हैं. अब चूंकि देश में वयस्क आबादी में आधार लगभग पूर्णता की ओर है, इसलिए नए वयस्कों के लिए पंजीकरण के नियमों को सख्त कर दिया गया है.
अब केवल सत्यापित भारतीय वयस्क ही करवा सकेंगे आधार पंजीकरण
हालांकि आधार अधिनियम की धारा 9 स्पष्ट करती है कि आधार को नागरिकता या निवास प्रमाण के रूप में नहीं माना जा सकता, लेकिन हालिया नीतिगत बदलाव इस दिशा में हैं कि केवल वैध भारतीय नागरिकों को ही आधार नंबर जारी हो. UIDAI अब नए आधार के लिए पासपोर्ट, राशन कार्ड, जन्म प्रमाणपत्र, और मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट जैसे दस्तावेज़ों की ऑनलाइन जांच करने की तैयारी में है. UIDAI के एक अधिकारी ने कहा कि अब किसी भी अवैध प्रवासी के लिए आधार बनवाना लगभग असंभव हो गया है.
अवैध प्रवासियों को रोकने के लिए राज्यों की जिम्मेदारी बढ़ी
पिछले कुछ वर्षों में यह देखा गया कि कुछ अवैध प्रवासी आधार बनवाकर उसका इस्तेमाल अन्य पहचान पत्र और नागरिकता हासिल करने में करते रहे है.। इस खतरे को खत्म करने के लिए अब राज्य सरकारों पर ज़िम्मेदारी डाली गई है कि वे आवेदकों के दस्तावेजों की गहन जांच करें और केवल सत्यापित मामलों में ही आधार जारी हो.
दस्तावेजों की दूसरी परत से होगी पहचान की पुष्टि
UIDAI द्वारा विकसित नई तकनीक अब आधार अपडेट और रजिस्ट्रेशन दोनों के लिए दूसरी परत की जांच करेगी. इसमें ड्राइविंग लाइसेंस, PAN कार्ड, मनरेगा डिटेल्स, बिजली बिल जैसे ऑनलाइन दस्तावेजों को जोड़ा जाएगा. यह प्रक्रिया सेंट्रलाइज्ड KYC के अनुरूप होगी, जिससे देशभर में एक समान और भरोसेमंद पहचान सुनिश्चित की जा सके.
अब फर्जी आधार से वोटर लिस्ट में सेंध की गुंजाइश नहीं
सूत्रों के अनुसार, कई बार अवैध प्रवासी आधार का उपयोग करके मतदाता सूची में शामिल होने की कोशिश करते हैं, जिसे SIR (Standard Identity Review) में भी शामिल किया गया है. लेकिन अब जब आधार रजिस्ट्रेशन पहले से ज्यादा सख्त हो गया है, तो नई फर्जी पहचान बनाना और उस आधार पर दस्तावेज बनवाना लगभग नामुमकिन हो गया है.