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बजट के रास्ते दिल्ली- बिहार में सरकार बनाने की तैयारी! क्या वोटर्स को लुभा पाएगा मोदी का यह प्लान?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को देश का बजट पेश किया. इस बजट को सोशल मीडिया यूजर्स के अनुसार 'बजट मतलब बिहार' कहा जा रहा है. इस साल का बजट जितना आर्थिक है, उतना ही राजनीतिक भी माना जा रहा है.

बजट के रास्ते दिल्ली- बिहार में सरकार बनाने की तैयारी! क्या वोटर्स को लुभा पाएगा मोदी का यह प्लान?
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सागर द्विवेदी
Edited By: सागर द्विवेदी

Updated on: 2 Feb 2025 10:35 AM IST

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को देश का बजट पेश किया. इस बजट को सोशल मीडिया यूजर्स के अनुसार 'बजट मतलब बिहार' कहा जा रहा है. इस साल का बजट जितना आर्थिक है, उतना ही राजनीतिक भी माना जा रहा है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि अगले कुछ दिनों में दिल्ली में चुनाव होने हैं, और इस साल के अंत में, यानी अक्टूबर या नवंबर में, बिहार में चुनाव होने की संभावना है.

बजट में मतदाताओं को लुभाने के लिए विशेष ध्यान दिया गया है. दिल्ली जो प्रति व्यक्ति आय के हिसाब से भारत का सबसे अमीर शहर है और जहां सरकारी कर्मचारियों, निजी क्षेत्र और व्यवसायों में फैला एक बड़ा मध्यम वर्ग मौजूद है के लिए बड़ी कर छूट की घोषणा एक मजबूत और स्पष्ट संकेत के रूप में देखी जा रही है.

क्या मिडिल क्लास का दिल्ली चुनाव में बदलेगा मूड?

आम आदमी पार्टी (आप) का मुख्य मतदाता आधार निम्न आय वर्ग माना जाता है, और ऐसी रिपोर्टें सामने आ रही हैं कि राजधानी का मध्यम वर्ग असमंजस में है. इसे देखते हुए, ऐसा प्रतीत होता है कि मोदी सरकार इस वर्ग को भाजपा के पक्ष में लाने की कोशिश कर रही है.

बजट में बी का मतलब बिहार

बिहार की बात करें जो भाजपा और उसके सहयोगी नीतीश कुमार की जेडीयू के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है तो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण में बिहार का उल्लेख कई बार किया गया. इससे यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि एनडीए सरकार राज्य को अपने पाले में बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने मखाना बोर्ड और राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी संस्थान की स्थापना, आईआईटी-पटना के विस्तार, प्रमुख बौद्ध केंद्रों के आसपास पर्यटन को बढ़ावा देने और पश्चिमी कोसी नहर के लिए सहायता की घोषणा की.

साथ ही, उन्होंने बिहार की पारंपरिक लोक कला को सम्मान देने के लिए मधुबनी मोटिफ वाली साड़ी पहनी. यह सब पिछले साल के बजट में बिहार के लिए घोषित योजनाओं के अतिरिक्त है. राजनीतिक संदेश स्पष्ट था: भाजपा-जेडीयू गठबंधन, आरजेडी-कांग्रेस से कड़ी टक्कर लेने के लिए पूरी तरह तैयार है.

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