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भारत में ली अवैध एंट्री, बेंगलुरु पहुंचे तो बन गए शर्मा, ऐसे हुआ खुलासा

रविवार को बेंगलुरु में रहने वाले चार पाकिस्तानी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है. ये सभी शर्मा सरनेम से पहचान बनाकर शहर में रह रहे थे. इन सभी का ताल्लुक मेहदी फाउंडेशन से है, जो सूफी विचारों का प्रचार करती है. पुलिस इस मामले में आगे की जांच कर रही है.

भारत में ली अवैध एंट्री, बेंगलुरु पहुंचे तो बन गए शर्मा, ऐसे हुआ खुलासा
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Symbolic Image Pic Credit- ANI
प्रिया पांडे
By: प्रिया पांडे

Published on: 1 Oct 2024 11:43 AM

रविवार को बेंगलुरु के इलाके में चार पाकिस्तानी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया, जो अलग-अलग नामों से रह रहे थे. पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों में राशिद अली सिद्दीकी (48), उनकी पत्नी आयशा (38), और उनके माता-पिता हनीफ मोहम्मद (73) तथा रुबीना (61) शामिल हैं. ये सभी राजापुरा गांव में शंकर शर्मा, आशा रानी, राम बाबू शर्मा और रानी शर्मा के नाम से रह रहे थे.

पुलिस ने चेन्नई इंटरनेशल एयरपोर्ट पर दो पाकिस्तानी नागरिकों की गिरफ्तारी के बाद खुफिया जानकारी के आधार पर इन चारों को गिरफ्तार किया. ये नागरिक ढाका से चेन्नई आए थे और फर्जी पासपोर्ट के साथ पकड़े गए थे. जांच में यह भी सामने आया कि ये सिद्दीकी परिवार से ताल्लुक रखते थे.

पूछताछ में खुलासा

जब पुलिस ने सिद्दीकी परिवार को गिरफ्तार किया, तब वे घर छोड़ने की तैयारी कर रहे थे. पूछताछ के दौरान, राशिद ने खुद को शर्मा के नाम से पहचान कराया और कहा कि वह 2018 से बेंगलुरु में रह रहा है. उसने इंडियन पासपोर्ट और आधार कार्ड भी दिखाया, जिन पर हिंदू नाम थे. पुलिस को घर के अंदर 'मेहदी फाउंडेशन इंटरनेशनल जशन-ए-यूनुस' का नाम दीवार पर लिखा मिला और इस्लामिक स्कॉलर्स की तस्वीरें भी मिलीं.

फैमिली बैकग्राउंड

जांच में यह पता चला कि राशिद सिद्दीकी कराची के लियाकताबाद से है और उसकी पत्नी का परिवार लाहौर से है. उन्होंने 2011 में ऑनलाइन तरीके से शादी की थी. उसने ऐसा बताया कि अपने देश में धार्मिक नेताओं पर अत्याचार होने के कारण उन्हें पाकिस्तान से बांग्लादेश जाने के लिए मजबूर होना पड़ा.

भारत में एंट्री

2014 में सिद्दीकी पर बांग्लादेश में फिर से हमले के बाद, वो भारत में मेहदी फाउंडेशन के किसी से मिला और अवैध रूप से भारत में घुसा. सिद्दीकी और उनका परिवार पश्चिम बंगाल के मालदा के रास्ते भारत आया और दिल्ली में रहने लगा. जहां, उसने 'शर्मा' नाम से एक नई पहचान बनाकर रहने लगा और दूसरे जरूरी दस्तावेज बना लिए.

बेंगलुरु में एंट्री

2018 में नेपाल में सिद्दीकी ने बेंगलुरु में वसीम और अल्ताफ से मुलाकात की और शहर में धर्म के नाम पर प्रचार करने का तय किया. अल्ताफ उनके किराए का खर्च उठाया और मेहदी फाउंडेशन ने उसके अलरा टीवी पर शो के लिए पेमेंट किया. इसके अलावा, सिद्दीकी ने बेंगलुरु में बिजनेस भी शुरू किया.

कानूनी कार्रवाई

पुलिस ने IPC सेक्शन 420 (धोखाधड़ी), 468 (धोखाधड़ी के इरादे से जालसाजी) और 471 (नकली दस्तावेजों का इस्तेमाल) के तहत मामला दर्ज किया है.

मेहदी फाउंडेशन इंटरनेशनल

मेहदी फाउंडेशन इंटरनेशनल सूफी विचारों का प्रचार-प्रसार करता है. यह संगठन धार्मिक एकता और शांति की बात करता है, लेकिन कई मुस्लिम देशों में इसके सदस्यों को धार्मिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है.

फाउंडेशन की अपील

मेहदी फाउंडेशन इंटरनेशनल के चीफ अमजद गौहर ने कहा है कि संगठन किसी के कानून तोड़ने का सपोर्ट नहीं करता है. उन्होंने भारत सरकार से कहा है कि गिरफ्तार किए गए लोगों को पाकिस्तान वापस न भेजा जाए, क्योंकि उन्हें वहां खतरा हो सकता है.

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