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सुन लो सरकारी बाबू, कामचोरी की तो जाएगी नौकरी..., पीएम मोदी का मंत्रियों और सचिवों को सख्त आदेश

PM Narendra Modi On Government Employee: पीएम मोदी ने केंद्रीय मंत्रियों और सचिवों को सख्त आदेश दिया है कि अगर कोई सरकारी कर्मचारी सही से काम नहीं कर रहा है तो तुरंत उसकी छुट्टी कर दी जाए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि फाइलें एक टेबल से दूसरे टेबल पर फेंकने के बजाए, जनता के कामों का निपटारा तुरंत करने की कोशिश करें.

सुन लो सरकारी बाबू, कामचोरी की तो जाएगी नौकरी..., पीएम मोदी का मंत्रियों और सचिवों को सख्त आदेश
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PM Narendra Modi
सचिन सिंह
By: सचिन सिंह

Updated on: 11 Oct 2024 1:05 PM IST

PM Narendra Modi On Government Employee: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने सख्त नियम और कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं. उनके करीबी बताते हैं कि जनता के काम को लेकर अधिकारियों का सुस्ती बरतना उन्हें कतई नहीं पसंद है. इसी कड़ी मेंराब प्रदर्शन करने वालों और भ्रष्टाचार पर नकेल कसते हुए पीएम मोदी ने केंद्रीय सचिवों से कहा है कि वे नियमों के अनुसार कर्मचारियों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करें, जो सरकार को सार्वजनिक हित में किसी भी कर्मचारी को सेवानिवृत्त करने का पूर्ण अधिकार देता है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के एक दिन बाद बुधवार को सभी केंद्रीय मंत्रियों और सचिवों के साथ बातचीत की. इसमें उन्होंने CCS (पेंशन) नियमों के मौलिक नियम 56 (J) का उल्लेख किया, जिसमें कहा गया है कि अथॉरिटी किसी भी सरकारी कर्मचारी को सेवानिवृत्त कर सकता है, यदि वह सेवा में बने रहने के लिए अयोग्य है.

सरकारी कर्मचारियों को पीएम मोदी का दो टूक

रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि पीएम का संदेश स्पष्ट था कि सरकारी कर्मचारियों को सही से काम करने, लोगों के मुद्दों को संबोधित करने और जीवन को आसान बनाने की आवश्यकता है. हालांकि, विभाग बेकार पड़े लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं, लेकिन इसके अलाव भी कुछ करने की आवश्यकता है.

पीएम ने अधिकारियों और मंत्रियों से यह भी कहा कि लोगों की शिकायतों पर तुरंत एक्शन लिया जाए, न कि फाइलों को एक डेस्क से दूसरे डेस्क पर धकेला जाए. उन्होंने सचिवों से शिकायतों के समाधान के लिए हर हफ्ते एक दिन निकालने और राज्य मंत्रियों से उनकी निगरानी करने को भी कहा. पीएम मोदी ने बताया कि इनमें से लगभग 40 प्रतिशत केंद्र सरकार के विभागों और एजेंसियों से संबंधित थे, जबकि बचे 60 प्रतिशत राज्य सरकार के मुद्दों से संबंधित थे.

क्या होता है कंपलसरी रिटायरमेंट?

कंपलसरी रिटायरमेंट के मामले में सरकार को तीन महीने का नोटिस या तीन महीने का वेतन और भत्ते देने की आवश्यकता होती है. इस नियम के मुताबिक, 55 साल की आयु वाले कर्मचारी भी प्रभावित हो सकते हैं. नियम में ये भी कहा गया है कि किसी सरकारी कर्मचारी के 30 साल तक काम करने के बाद भी नियुक्ति अथॉरिटी उसे जनहित में कंपलसरी रिटायरमेंट दे सकता है.

हालांकि, ऐसे अधिकारियों को जवाब देने का अवसर मिलता है और वे आदेश को कोर्ट में चुनौती भी दे सकते हैं. सरकारी विभागों ने अब तक इन नियमों का हवाला देते हुए 500 से अधिक अधिकारियों को कंपलसरी रिटायरमेंट दे दिया है.

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