राष्ट्रपति को किया गया अपमानित, विदेश नीति पर पढ़ें ये किताब; लोकसभा में बोले पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब देते हुए कहा कि हम 2025 में 21वीं सदी में रह रहे हैं. उन्होंने कहा कि 25 करोड़ लोग गरीबी से निकले हैं. पिछले पांच दशक तक गरीबी हटाओ के नारे सुनाई देती थी, लेकिन अब गरीबी दूर हुई है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब देते हुए कहा कि मेरे लिए बहुत बड़ा सौभाग्य है कि देश की जनता ने मुझे 14वीं बार राष्ट्रपति के अभिभाषण पर आभार व्यक्त करने का अवसर दिया है. मैं आज जनता जनार्दन का भी आदर के साथ आभार व्यक्त करना चाहता हूं. उन्होंने एआई का मतलब बताते हुए कहा कि एक AI है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और दूसरा है एस्पिरेशनल इंडिया.
लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम 2025 में हैं. एक प्रकार से 21वीं सदी का 25% हिस्सा बीत चुका है. 20वीं सदी में आज़ादी के बाद और 21वीं सदी के प्रथम 25 सालों में क्या हुआ. ये तो आने वाला समय ही तय करेगा लेकिन अगर हम राष्ट्रपति जी के संबोधन का बारीकी से अध्ययन करें तो साफ नजर आता है कि उन्होंने देश के सामने आने वाले 25 सालों और विकसित भारत के लिए लोगों में विश्वास पैदा करने की बात कही है. उनका संबोधन विकसित भारत के संकल्प को मजबूती देने वाला है, नया विश्वास पैदा करने वाला है और आम लोगों को प्रेरित करने वाला है.
4 करोड़ लोगों को घर
पीएम मोदी ने कहा कि हम 2025 में 21वीं सदी में रह रहे हैं. उन्होंने कहा कि 25 करोड़ लोग गरीबी से निकले हैं. पिछले पांच दशक तक गरीबी हटाओ के नारे सुनाई देती थी, लेकिन अब गरीबी दूर हुई है. उन्होंने कहा कि गरीबों का दर्द कोई नहीं जान सकता. हमने 4 करोड़ लोगों को घर दिया है. शौचालय को लेकर उन्होंने कहा कि महिलाओं को शौच जाने में दिक्कत होती थी. हमने 12 करोड़ से ज्यादा शौचालय बनवाए.
राहुल गांधी पर हमला
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जो लोग अपने मनोरंजन के लिए गरीबों की झोपड़ियों में फोटो सेशन कराते हैं, उन्हें संसद में गरीबों की बात बोरिंग ही लगेगी.
कबाड़ से बनाए 2300 करोड़
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे सफाई अभियान पर सवाल उठाए गए. मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि हाल के वर्षों में सरकारी दफ्तरों से बेचे गए कबाड़ से 2,300 करोड़ रुपये की आय हुई. यह सीधे देश के खजाने में जमा किए गए हैं. सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय इथेनॉल ब्लेंडिंग को लेकर लिया, जिससे देश की ऊर्जा आत्मनिर्भरता में सुधार हुआ है. उन्होंने आगे कहा कि भारत अभी पूरी तरह से ऊर्जा स्वतंत्र नहीं है, लेकिन इस पहल से पेट्रोल-डीजल के आयात में कमी आई, जिससे देश को एक लाख करोड़ रुपये की बचत हुई. यह राशि सीधे किसानों की जेब में गई है. पहले अखबारों में केवल घोटालों की सुर्खियां होती थीं, लेकिन अब पारदर्शी नीतियों के कारण लाखों-करोड़ों रुपये देश के विकास में उपयोग किए जा रहे हैं.