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शुरू हो गया भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेल पुल, पीएम मोदी ने किया नए पंबन ब्रिज का उद्घाटन; ‘मेक इन इंडिया’ की बेजोड़ मिसाल

भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेल पुल, नया पंबन ब्रिज, समुद्र पर 2.08 किमी लंबा है. इसमें 99 स्पैन और एक 72.5 मीटर का लिफ्ट स्पैन है, जो केवल 5 मिनट में उठाया जा सकता है. अत्याधुनिक तकनीक और एंटी-कोरोजन सामग्री से बना यह पुल 100 वर्षों तक टिकाऊ रहेगा. यह भारत की इंजीनियरिंग क्षमता और ‘मेक इन इंडिया’ की सफलता का प्रतीक है.

शुरू हो गया भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेल पुल, पीएम मोदी ने किया नए पंबन ब्रिज का उद्घाटन; ‘मेक इन इंडिया’ की बेजोड़ मिसाल
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 6 April 2025 1:47 PM IST

रामनवमी के शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को तकनीकी और इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि का तोहफा दिया. तमिलनाडु के रामेश्वरम में उन्होंने देश के पहले वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज का उद्घाटन किया, जो पंबन में समुद्र के ऊपर बना है. यह अत्याधुनिक पुल सिर्फ यात्रा को आसान नहीं बनाएगा, बल्कि भारत की उभरती इंजीनियरिंग क्षमता और आत्मनिर्भरता का प्रतीक भी बनेगा.

पंबन पुल का शिलान्यास पीएम मोदी ने 2019 में किया था और महज पांच वर्षों में यह पुल बनकर तैयार हो गया है. इसके उद्घाटन के साथ ही पीएम मोदी रामनाथस्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे और 8,300 करोड़ रुपये से अधिक की रेलवे व सड़क परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे. यह दौरा न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि विकास की नई रफ्तार का प्रतीक भी बन गया है. आइये जानते हैं पंबन ब्रिज की 10 बड़ी खासियत...

  1. देश का पहला वर्टिकल लिफ्ट पुल:
    नया पंबन ब्रिज भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेल पुल है, जिसमें 72.5 मीटर लंबा सेंटर स्पैन है, जिसे ऊपर उठाया जा सकता है ताकि समुद्री जहाज इसके नीचे से गुजर सकें.
  2. कुल लंबाई और संरचना: यह पुल 2.08 किलोमीटर (2078 मीटर) लंबा है और इसमें 18.3 मीटर के 99 स्पैन शामिल हैं. इसका वर्टिकल लिफ्ट स्पैन भी इनमें से एक है। पुराने पुल से यह 3 मीटर ऊंचा है.
  3. तेज़ ऑपरेशन क्षमता: जहां पुराने पुल को खोलने और बंद करने में 45 मिनट से 1 घंटे तक का समय लगता था, वहीं यह नया पुल 5 मिनट में खुलता और 3 मिनट में बंद हो जाता है, जिससे समय और ऊर्जा दोनों की बचत होती है.
  4. दोहरी रेल ट्रैक के लिए तैयार: पुल की नींव 333 पाइल्स और 101 पाइल कैप्स पर आधारित है, जिसे दो रेल ट्रैक संभालने और भविष्य में यातायात बढ़ने पर भी टिके रहने लायक डिज़ाइन किया गया है.
  5. अत्याधुनिक सामग्री और तकनीक: इस पुल में एंटी-कोरोजन तकनीक, पॉलीसिलॉक्सेन पेंट, स्टेनलेस स्टील, और फाइबर रिइंफोर्स्ड प्लास्टिक का इस्तेमाल हुआ है, जिससे यह 100 वर्षों तक सुरक्षित और मजबूत बना रहेगा.
  6. समुद्री सुरक्षा की विशेष व्यवस्था:
    पुल के चारों ओर हाई-रिजोल्यूशन कैमरे लगाए गए हैं और एक कमांड सेंटर भी स्थापित किया गया है, जिससे पुल की हर गतिविधि पर नज़र रखी जा सके। यह रणनीतिक रूप से बेहद अहम है.
  7. इंजीनियरिंग में भारत की श्रेष्ठता: यह परियोजना मेक इन इंडिया के तहत तैयार की गई है. इसके डिज़ाइन और सर्टिफिकेशन में IIT चेन्नई और IIT बॉम्बे की बड़ी भूमिका रही है, जो भारत की इंजीनियरिंग क्षमता को दर्शाता है.
  8. सौंदर्य और संतुलन का अद्भुत उदाहरण:
    इस ब्रिज में कुल 100 आर्चेस (arches) हैं, जो इसे सौंदर्य की दृष्टि से भी भव्य बनाते हैं। इनमें से 99 आर्चेस 18.3 मीटर ऊंचे हैं.
  9. टिकाऊ ढांचा और जंग से सुरक्षा: समुद्री वातावरण में बने इस पुल को हाई कैटेगरी स्टील और प्रबलित कंक्रीट से बनाया गया है, जिससे यह जंग से बचा रहेगा और लंबे समय तक स्थायी बना रहेगा.
  10. राष्ट्र के विकास की दिशा में कदम: यह पुल न केवल तकनीकी उपलब्धि है, बल्कि यह रेलवे नेटवर्क को मजबूती, समुद्री मार्ग को सुगमता, और आर्थिक गतिविधियों को रफ्तार देने वाला है. यह एक आधुनिक भारत के निर्माण की दिशा में मील का पत्थर है.
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