Parliament Seat Arrangement: संसद में कोई कहीं भी नहीं बैठ सकता, तय होती है सीटिंग आरेजमेंट, क्या कहता है नियम?
parliament Seat Arrangement: संसद में बैठने के दौरान सदस्यों को नियमों का पालन करना पड़ता है. ये नियम दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा के लिए होता है. पार्टी के सीनियर लीडर अक्सर आगे की पंक्ति में बैठे नजर आते है.

parliament Seat Arrangement: अक्सर हम संसद टीवी पर राज्यसभा और लोकसभा के सेशन के दौरान हर नेता को एक निश्चित सीट पर बैठे देखते हैं. 18वीं लोकसभा में 543 सदस्य हैं. जहां प्रमुख नेताओं को आरक्षित स्थान मिलते हैं, जबकि बाकी को पार्टी की ताकत और वरिष्ठता के आधार पर आवंटित किया जाता है. ऐसे में इस नियम को जानने की दिलचस्पी आम आदमी में भी होती है, तो यहां हम उन नियमों को समझते हैं.
अध्यक्ष की कुर्सी के दाईं ओर की सीटों पर सत्ता पक्ष के सदस्य बैठते हैं और बाईं ओर की सीटों पर विपक्षी दलों/समूहों के सदस्य बैठते हैं. उपसभापति बाईं ओर की पहली पंक्ति की सीट पर बैठते हैं. अध्यक्ष की कुर्सी के ठीक नीचे चैंबर के वेल में सदन के सचिव के बैठने की जगह होती है. हर एक सांसद के बैठने के लिए नियम बनाई गई है, जिसमें मुताबिक सत्तापक्ष और विपक्ष के सांसद बैठते हैं.
क्या कहता है नियम?
लोकसभा में स्पीकर के आसन के दाहिने तरफ सत्ता पक्ष और बाएं तरफ विपक्षी सांसद बैठते हैं. लोकसभा में कौन कहां बैठेगा? इस प्रक्रिया और संचालन के नियम 4 के मुताबिक होता है. इसके लिए निर्देश क्लॉज 122(A) में दिए गए हैं. इन नियमों का पालन स्पीकर कराते और सांसदों के बैठने की जगह तय करते हैं. यहां पार्टी के सीनियर लीडर्स को आगे बैठने का मौका दिया जाता है.
सांसद में कौन-कहां बैठता है?
संसद भवन में सांसदों के बैठने के लिए कई ब्लॉक होते हैं. कौन सांसद किस ब्लॉक में बैठेगा? ये पार्टी में सदस्यों की संख्या पर निर्धारित किया जाता है. निर्दलीय सांसदों के लिए अलग व्यवस्था होती है. बाईं ओर एक सीट डिप्टी स्पीकर के लिए होता है, जिसके पास विपक्ष के फ्लोर लीडर बैठते हैं. सबसे अधिक सांसदों वाली पार्टी के सांसद आगे और उससे कम वाले पीछे बैठते हैं.
कैसा है नया सांसद भवन?
पुराने सांसद भवन की चुनौतियों का समाधान करने के लिए नए संसद भवन का निर्माण अधिक आधुनिक, कुशल और भूकंपरोधी बनाया गया है. इसके अलावा इसकी लाइफ के 150 साल तक की रखी गई है. लोकसभा और राज्यसभा चैंबर में संसद सदस्यों (MP) की संख्या के आधार पर सीटों को बढ़ाया गया है. लोकसभा में 888 सीटें, राज्यसभा में 384 सीटें और मंत्रियों और समितियों के लिए चार मंजिलों की ऑफिस के साथ नया कैंपस भारत की बढ़ती आबादी और भविष्य के परिसीमन की मांगों को पूरा करने के लिए तैयार है.