'संसद भवन भी हो जाता वक्फ की संपत्ति...' लोकसभा में UPA पर बरसे किरेन रिजिजू; पढ़ें 10 बड़ी बातें
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया, जिसे लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई. सरकार ने स्पष्ट किया कि यह बिल धार्मिक गतिविधियों में हस्तक्षेप नहीं करेगा, बल्कि वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को पारदर्शी बनाएगा. विपक्ष ने इसे लेकर विरोध जताया, जबकि सरकार ने इसे ऐतिहासिक सुधार बताया. डिजिटलीकरण और इनकम जेनरेशन पर भी जोर दिया गया.

अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश कर दिया है. जिसे लेकर मुस्लिम समाज दो धड़ों में बंटा हुआ है. कुछ इसका समर्थन कर रहे हैं, तो कुछ विरोध. इस विधेयक को पारित करने के लिए एनडीए और उसकी सहयोगी पार्टियां एकजुट हैं, जबकि विपक्षी दलों का गठबंधन INDIA ब्लॉक इसका विरोध कर रहा है. चर्चा के लिए आठ घंटे का समय निर्धारित किया गया, जिसमें एनडीए को 4 घंटे 40 मिनट का समय दिया गया.
इस विधेयक पर चर्चा के दौरान किरेन रिजिजू ने बताया कि अब तक किसी भी बिल पर इतनी अधिक संख्या में याचिकाएं नहीं आई थीं. 284 प्रतिनिधिमंडलों ने अलग-अलग कमेटियों के सामने अपनी बात रखी, जिसमें 25 राज्यों के वक्फ बोर्ड शामिल थे. उन्होंने कहा कि यह विधेयक केवल संपत्तियों के प्रबंधन से जुड़ा है, न कि किसी धार्मिक गतिविधि में हस्तक्षेप करने के लिए लाया गया है.
भाषण की 10 बड़ी बातें
- किरेन रिजिजू ने कहा कि 2013 में दिल्ली वक्फ बोर्ड ने भारतीय संसद भवन को वक्फ संपत्ति घोषित कर दिया था.
- यूपीए सरकार ने इसे डिनोटिफाई कर दिया, लेकिन अगर यह संशोधन नहीं लाया जाता, तो कई और संपत्तियां वक्फ में शामिल हो सकती थीं.
- उन्होंने कहा कि यदि नरेंद्र मोदी की सरकार यह संशोधन नहीं लाती, तो जिस स्थान पर हम बैठे हैं, वह भी वक्फ संपत्ति घोषित हो चुकी होती.
- उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन बिल का उद्देश्य केवल संपत्तियों के प्रबंधन को सुधारना है, न कि किसी धार्मिक गतिविधि में हस्तक्षेप करना.
- विपक्ष की आपत्तियों के जवाब में स्पीकर ओम बिरला ने संसद की गरिमा बनाए रखने की नसीहत दी. सरकार ने स्पष्ट किया कि मस्जिदों या धार्मिक क्रियाकलापों से बिल का कोई संबंध नहीं है.
- रिजिजू ने कहा कि केरल और इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वक्फ संपत्तियों को लेकर महत्वपूर्ण टिप्पणियां दी थीं. 2014 में, यूपीए सरकार ने 123 प्राइम प्रॉपर्टीज को दिल्ली वक्फ बोर्ड को ट्रांसफर कर दिया था, जिससे चुनावी फायदे की संभावना थी.
- सरकार ने प्रावधान किया कि केवल वही व्यक्ति वक्फ संपत्ति क्लियर कर सकता है, जिसने कम से कम पांच साल इस्लाम की प्रैक्टिस की हो.
- उन्होंने कहा कि सेंट्रल वक्फ काउंसिल में 22 सदस्य होंगे, जिनमें 4 गैर-मुस्लिम से अधिक नहीं हो सकते. इनमें 3 सांसद, 10 मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधि और 2 पूर्व जजों को शामिल किया जाएगा. राज्य स्तर पर 11 सदस्यों की वक्फ बोर्ड संरचना बनाई गई, जिसमें एक महिला का होना अनिवार्य होगा.
- वक्फ संपत्तियों का डिजिटलीकरण किया जाएगा, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी. राज्यों को वक्फ संपत्तियों की निगरानी करने की जिम्मेदारी दी गई.
- वक्फ बोर्ड भारतीय रेलवे और रक्षा मंत्रालय के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ा लैंडबैंक रखता है, जिससे इन संपत्तियों का प्रभावी उपयोग किया जा सकता है.