कब बाज आएगा पाक? पर्यटक का नाम पूछा फिर मारी गोली, पहलगाम में आतंकी हमला, एक की मौत
पाकिस्तान आखिर कब अपनी हरकतों से बाज आएगा? इन दिनों अमेरिका के उपराष्ट्रपति भारत के दौरे पर हैं और जम्मू- कश्मीर में पहलगाम में आतंकियों ने एक और नापाक करतूत की है. हमले के पहले आतंकियों ने टूरिस्ट का नाम पूछा और फिर गोली मार दी, जिसमें एक की मौत कई लोगों के घायल हैं.

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में ट्रैकिंग पर निकले पर्यटकों के एक ग्रुप पर आतंकियों ने अचानक हमला कर दिया. इस हमले में एक पर्यटक की मौत की खबर है जबकि कई लोगों के घायल होने की सूचना है. बताया जा रहा है कि गोलीबारी की चपेट में कुछ घोड़े भी आ गए. आतंकियों ने हमले के पहले नाम पर्यटकों का नाम पूछा और फिर गोलीबारी शुरू कर दी. घायलो ने बताया कि हिंदू होने पर मार दिया. बर्फबारी के बाद पहलगाम इन दिनों टूरिज्म का हॉटस्पॉट बना हुआ है, जहां देशभर से सैलानी राहत की सांस लेने पहुंच रहे हैं.
चीन की छाया में पल रहे पाकिस्तान की हिम्मत कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत के दौरे पर हैं और इसी दौरान जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान समर्थित और आईएसआई के पाले आतंकियों ने सालों बाद पर्यटकों को निशाना बनाया है. यानी उस अब अमेरिका का भी कोई डर नहीं रह गया है.
धारा 370 हटने के बाद पहली बार टूरिस्ट पर हमला
अगर बात करें पर्यटकों पर हमलों की तो ऐसा मामला कई सालों बाद सामने आया है. खास बात यह है कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद यह पहला मौका है जब आतंकियों ने सीधे तौर पर टूरिस्ट्स को निशाना बनाया है. यह न सिर्फ सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है, बल्कि राज्य के पर्यटन और अमरनाथ यात्रा जैसे बड़े आयोजनों को लेकर भी चिंता बढ़ा देता है. हफ्तों में अमरनाथ यात्रा शुरू होने वाली है और उसका बेस कैंप भी यहीं स्थित है.
आमतौर पर आतंकी ऐसे हमलों से बचते हैं ताकि स्थानीय लोगों के रोजगार पर असर न पड़े, लेकिन इस बार उन्होंने बेहद सुनियोजित तरीके से ऊंचाई वाले इलाके में हमला किया, जहां सुरक्षा बलों की मौजूदगी सीमित रहती है. पुलिस और सुरक्षाबल घटनास्थल की ओर रवाना हो चुके हैं और पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है.
8 साल पहले अमरनाथ यात्रियों पर हुआ था हमला
बता दें कि इससे पहले साल 2017 में अमरनाथ यात्रियों की पर आतंकियों ने गोलीबारी की थी जिसमें कई यात्री मारे गए थे. साल 2019 में धारा 370 को हटाए जाने के बाद से यह पहल मौका है जब आतंकियों ने पर्यटकों पर हमला करने की हिमाकत की है. सुरक्षाबलों से मुठभेड़ और कुछ अन्य आतंकी वारदातें तो होती रही हैं, लेकिन पार्यटक अब तक सुरक्षित थे. लेकिन दुनिया के दूसरे सबसे ताकतवर शख्स यानी अमेरिकी उपराष्ट्रपति के भारत में रहते आतंकियों की ऐसी हिम्मत करना किसी और बात की तरफ इशारा करता है.
25 साल पहले बिल क्लिंटन के दौरे के दौरान भी हुआ था नरंसहार
पाकिस्तान की ऐसी हिमाकत करना कोई पहली बार नहीं है. साल 2000 में जब तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन भारत की राजकीय यात्रा पर आने वाले थे, उसके ठीक एक दिन पहले कश्मीर के अनंतनाग जिले के चित्तीसिंहपुरा गांव में आतंकियों ने भयानक नरसंहार को अंजाम दिया था. इस नरसंहार के पीछे कौन था, इसे लेकर आज भी विवाद है. भारत सरकार का कहना है कि इस वीभत्स घटना को पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने अंजाम दिया था. वहीं दूसरी ओर, कुछ रिपोर्ट्स और मानवाधिकार संगठनों ने भारतीय सेना की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं, जिससे यह मामला और पेचीदा हो गया है. इस वरादात को अंजाम देने वालों ने भारतीय सेना की वर्दी पहन रखी थी और इसी वजह से कई सवाल भी उठते रहे हैं.