'खुली हुई बाहों से, अमन की राहों से...', इस्लामाबाद पहुंचे एस जयशंकर का पाकिस्तान ने किया जोरदार स्वागत; देखें VIDEO
एससीओ परिषद की बैठक में भाग लेने के लिए दो दिवसीय यात्रा पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर पाकिस्तान पहुंच गए हैं. इस दौरान पाकिस्तान की धरती पर भारत की ताकत साफ तौर पर देखी जा सकती थी.

S Jaishankar reached Islamabad: विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर एससीओ परिषद की बैठक में भाग लेने के लिए दो दिवसीय यात्रा पर पाकिस्तान के इस्लामाबाद पहुंच गए हैं. पाकिस्तान की अध्यक्षता में एससीओ की बैठक कल होनी है. इस्लामाबाद की धरती पर कदम रखने के साथ ही पाकिस्तान ने विदेश मंत्री का जोरदार स्वागत किया है. इस दौरान पाकिस्तान की धरती पर भारत की ताकत साफ तौर पर देखी जा सकती थी.
पाकिस्तान पहुंचे एस जयशंकर के स्वागत का एक वीडियो पाकिस्तान से खूब वायरल हो रहा है, जिसमें 'खुली हुई बाहों से, अमन की राहों से...' गाना चल रहा है. इस तरह से पाकिस्तान ने 9 साल बाद भारत का अपने देश में स्वागत किया है. एस जयशंकर के स्वागत के लिए पाकिस्तान के वरिष्ठ अधिकारी नूर खान एयरबेस पर मौजूद थे.
एस जयशंकर की सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम
एयरपोर्ट पर एस जयशंकर की सुरक्षा का भी खास ख्याल रखा गया, जहां एक अनोखा वाक्या देखने को मिला. विदेश मंत्री के सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें काले चश्मे पहनने के लिए दिए. ऐसे में सुरक्षा के लिहाज से उन्होंने अपने सफेद ग्लास वाले चश्मे को उतारा और ब्लैक गॉगल्स पहना. एस जयशंकर अपने सुरक्षाकर्मियों के बीच वहां से अपनी गाड़ी में बैठकर निकल गए.
एससीओ सीएचजी की बैठक सालाना आयोजित की जाती है और संगठन के व्यापार और आर्थिक एजेंडे पर केंद्रित होती है. डॉ. जयशंकर बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे. भारत एससीओ प्रारूप में सक्रिय रूप से शामिल है, जिसमें एससीओ ढांचे के भीतर विभिन्न तंत्र और पहल शामिल हैं. विदेश मंत्री ने पहले कहा था कि उनका पाकिस्तान दौरा एक बहुपक्षीय कार्यक्रम के लिए है और उन्होंने द्विपक्षीय वार्ता से इनकार किया था. यह नौ सालों में किसी भारतीय विदेश मंत्री की पड़ोसी देश की पहली उच्च स्तरीय यात्रा है.
क्या है SCO बैठक?
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) एक स्थायी अंतर-सरकारी अंतरराष्ट्रीय निकाय है, जिसकी स्थापना 15 जून, 2001 को चीन के शंघाई में हुई थी. 2017 में भारत और पाकिस्तान को शामिल करने के साथ ही संगठन का विस्तार नौ सदस्य देशों तक हो गया. रूस ने भारत को रणनीतिक साझेदार के रूप में शामिल करने की मांग की थी, जबकि चीन ने क्षेत्र में शक्ति संतुलन बनाए रखने के लिए पाकिस्तान का समर्थन किया.
भारत 2005 में एससीओ में पर्यवेक्षक बना और नियमित रूप से इसकी मंत्रिस्तरीय बैठकों में भाग लेता रहा है, जो यूरेशियाई क्षेत्र में सुरक्षा और आर्थिक सहयोग को संबोधित करती हैं. एससीओ एक प्रमुख आर्थिक और सुरक्षा गठबंधन के रूप में आगे आया है, जो सबसे बड़े अंतरक्षेत्रीय अंतरराष्ट्रीय संगठनों में से एक बन गया है.