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One Nation, One Election Bill लोकसभा में पेश; अब आगे क्या? जानें क्‍या कहता है नियम

17 दिसंबर को केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने संसद में "एक देश, एक चुनाव" से संबंधित संविधान (129वां संशोधन) विधेयक पेश किया, जिससे सदन में जोरदार हंगामा हुआ, जिसमें 269 सदस्यों ने इसके पक्ष में और 198 ने विपक्ष में मतदान किया. इसके बाद आइए जानते है कि अब One Nation One Election आगे क्या होगा?

One Nation, One Election Bill लोकसभा में पेश; अब आगे क्या? जानें क्‍या कहता है नियम
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सागर द्विवेदी
Edited By: सागर द्विवेदी

Updated on: 18 Dec 2024 12:30 PM IST

17 दिसंबर को संसद में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने एक देश एक चुनाव के लिए बिल पेश किया. जिसके बाद सदन में खूब हंगामा हुआ. करीब 90 मिनट तक चली चर्चा और बहस के बाद, संविधान (129वां संशोधन) विधेयक को लोकसभा में पेश किया गया. मत विभाजन में विधेयक के पक्ष में 269 और विपक्ष में 198 सदस्यों ने मतदान किया. वहीं अब आइए इस खबर में जानते हैं कि लोकसभा में One Nation One Election पेश होने के बाद अब आगे क्या होगा?

विधेयकों को प्रस्तुत किए जाने के बाद उन्हें कई हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श के लिए संयुक्त संसदीय समिति JPC के पास भेजा जाएगा. लोकसभा में प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियमों के मुताबिक, अध्यक्ष ओम बिरला आने वाले दिनों में JPC का गठन करेंगे. वहीं बात करें JPC के अधिकतम संख्या की तो 31 हो सकती है जिसमें राज्यसभा और लोकसभा सदस्य शामिल हो सकते हैं.

क्या One Nation One Election का रास्ता हो गया साफ?

नियमों के मुताबिक, लोकसभा से 21 और राज्यसभा से 10 सांसद होते हैं. वहीं सूत्रों के मुताबिक, जेपीसी की अध्यक्षता भाजपा के एक सांसद द्वारा की जाएगी और संसद में सबसे बड़ी पार्टी होने के नेता भाजपा के सबसे अधिक सांसद हो सकते हैं.

जेपीसी भेजे जाने के बाद समिति विभिन्न हितधारकों को आमंत्रित करेगी और एक साथ चुनाव कराने पर उनके विचार जानेगी. हितधारकों में राजनीतिक दलों के सदस्य पूर्व न्यायाधीश, वरिष्ठ वकील, पूर्व या वर्तमान चुनाव आयुक्त, राज्य विधानसभा अध्यक्ष, आम जनता और राज्य चुनाव आयुक्त आदि शामिल हो सकते हैं.

सभी पक्षों से बात करने के विचार- विमर्श करने के बाद, संयुक्त संसदीय समिति (JPC) विधेयक में उल्लिखित संशोधनों पर खंड- दर- खंड विचार करेगी और उन्हें पारित करेगी. इसके बाद समिति अपनी रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंपेगी. जो JPC द्वारा सदन के सामने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए समय सीमा तय करेंगे.

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