NSG Raising Day: स्थापना दिवस पर एनएसजी को तोहफा, अब माननीयों की सुरक्षा नहीं करेंगे देश के सबसे एलीट कमांडो
आतंकवाद रोधी कमांडो बल (NSG) की स्थापना 1984 में की गई थी. एनएसजी को यूके के एसएएस और जर्मनी के जीएसजी-9 के पैटर्न पर तैयार किया गया था. ये सालों से देश के दिग्गजों को VIPs सुरक्षा दे रहा है, लेकिन केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए VIPs की सुरक्षा से इसे मुक्त करने का फैसला किया है. इसकी जगह सुरक्षा की कमान सीआरपीएफ संभालेंगे.

NSG Raising Day: केंद्र सरकार ने आतंकवाद रोधी कमांडो बल (NSG) को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है. अब वीआईपी की सुरक्षा ड्यूटी में एनएसजी के कमांडो नजर नहीं आएंगे. केंद्र सरकार ने एनएसजी को वीआईपी सुरक्षा ड्यूटी से पूरी तरह हटाने और अगले महीने तक इसके जगह को सीआरपीएफ को सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपने का आदेश दिया है. गृह मंत्रालय ने हाल ही में संसद की सुरक्षा ड्यूटी से हटाए गए नई बटालियन को सीआरपीएफ वीआईपी सुरक्षा विंग में शामिल करने की भी मंजूरी दी है.
केंद्र सरकार ने एनएसजी का पुनर्गठन करने और इसका उपयोग अयोध्या में राम मंदिर और देश के दक्षिणी भाग में स्थित कुछ महत्वपूर्ण संपत्तियों के आसपास वाले क्षेत्रों में कमांडो की स्ट्राइक टीमों को गठित करने और तैनात करने के लिए करने का निर्णय लिया है. जनवरी 2020 में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा से एसपीजी (विशेष सुरक्षा समूह) हटाए जाने के बाद गृह मंत्रालय की एक समिति ने वीआईपी सुरक्षा से NSG को हटाने का फैसला किया था.
इन दिग्गजों की हटेगी 'जेड प्लस' सिक्योरिटी
राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) के 'ब्लैक कैट' कमांडो देश के 9 'जेड प्लस' श्रेणी के वीआईपी लोगों की सुरक्षा में मुस्तैद रहते हैं. इनमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बसपा सुप्रीमो मायावती, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद, नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू शामिल है. इन सभी को अब सीआरपीएफ की सुरक्षा दी जाएगी.
NSG की स्थापना और इसके काम
1984 में जब इस बल की स्थापना की गई थी, तब मूल रूप से इस कार्य की योजना नहीं बनाई गई थी. एनएसजी बुधवार को अपना 40वां स्थापना दिवस मना रहा है. इस संगठन के निर्माण के लिए एक विधेयक अगस्त 1986 में संसद में पेश किया गया था और इसे 22 सितंबर, 1986 को राष्ट्रपति की सहमति मिली और उसी दिन से राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) औपचारिक रूप से अस्तित्व में आया.
एनएसजी का मुख्य काम विषम परिस्थिति में भी होने वाले हमले पर तुरंत कार्रवाई कर इससे निपटने की है. एनएसजी को यूके के एसएएस और जर्मनी के जीएसजी-9 के पैटर्न पर तैयार किया गया था. यह एक कार्य-उन्मुख बल है और इसमें विशेष कार्रवाई समूह (SG) के रूप में दो पूरक तत्व हैं, जिसमें सेना के जवान और विशेष रेंजर समूह (SRG) शामिल हैं, जिसमें केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों / राज्य पुलिस बलों से लिए गए कर्मी शामिल हैं.