अब देश को मिलेगा एक और स्टेट! कुकी समुदाय कर रहे अलग 'पहाड़ी राज्य' की मांग, क्या मांगें मानेगी सरकार?
मणिपुर के कांगपोकपी जिले में 8 मार्च को मारे गए युवक का शव परिवार को सौंपने के बाद प्रशासन को उम्मीद है कि विरोध प्रदर्शन और नाकाबंदी खत्म होगी. कुकी-जो समुदाय अलग पहाड़ी राज्य की मांग पर अड़ा है, जिसे केंद्र सरकार स्वीकार नहीं करेगी. इसी बीच, लूटे गए 4,500 में से 1,050 हथियार सरेंडर किए गए हैं.

मणिपुर के कांगपोकपी जिले में 8 मार्च को मारे गए युवक का शव आखिरकार उसके परिवार को सौंप दिया गया, जिससे स्थानीय प्रशासन को उम्मीद है कि विरोध प्रदर्शन और नाकाबंदी में जल्द ही कमी आएगी. हालांकि, राज्य में शांति स्थापित होने की संभावना फिलहाल धुंधली नजर आ रही है, क्योंकि कुकी-जो समुदाय और केंद्र सरकार के वार्ताकार ए.के. मिश्रा के बीच बातचीत में कोई ठोस प्रगति नहीं हो रही है.
कुकी-जो समुदाय की मांग है कि मीतेई बहुल घाटी क्षेत्रों से अलग एक 'अलग पहाड़ी राज्य' बनाया जाए, लेकिन यह संवैधानिक ढांचे के अनुरूप नहीं है और केंद्र सरकार के लिए स्वीकार्य नहीं होगा. इसी के साथ सरकार पहाड़ी क्षेत्रों के लिए अलग प्रशासनिक व्यवस्था की मांग पर भी सहमत होने के मूड में नहीं दिख रही, क्योंकि इससे अलग राज्य की मांग को बल मिलेगा और क्षेत्र में अलगाववादी प्रवृत्तियों को बढ़ावा मिल सकता है.
दोनों समुदायों के बीच शांति बनाना चाहती है सरकार
सरकार दोनों समुदायों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रही है. कुकी-जो समुदाय को संविधान के दायरे में समाधान के लिए राजी करने के प्रयास जारी हैं, जिसमें उन्हें अधिक स्वायत्तता देने और उनकी संस्कृति, विरासत और भाषा की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर जोर दिया जा रहा है. इसी बीच, जिला प्रशासन ने विरोध कर रहे लोगों को समझाने का प्रयास किया और कई दिनों की बातचीत के बाद मृतक के परिवार को अंतिम संस्कार के लिए शव सौंप दिया गया. इस घटना ने इलाके में तनाव को और बढ़ा दिया था, क्योंकि कुकी-जो प्रदर्शनकारियों ने सड़कें जाम कर वाहनों की आवाजाही रोक दी थी. खासतौर पर कांगपोकपी जिले में नाकाबंदी का प्रभाव अधिक देखा गया. हालांकि, प्रशासन और समुदाय के प्रतिनिधियों के बीच वार्ता से माहौल कुछ शांत हुआ और परिवार ने शव स्वीकार कर लिया.
लूटे गए हथियारों को किया सरेंडर
इस बीच, मणिपुर में मई 2023 से जारी जातीय हिंसा के दौरान लूटे गए 4,500 में से 1,050 हथियारों को हाल ही में सरेंडर किया गया है. यह कदम राज्यपाल के आह्वान के बाद उठाया गया, लेकिन प्रशासन का कहना है कि जो हथियार अब तक वापस नहीं किए गए हैं, उन्हें जब्त करने के लिए सर्च ऑपरेशन जारी रहेगा. वहीं, मणिपुर से जुड़े एक सवाल को लोकसभा की प्रश्न सूची से हटाने पर सांसद बिमोल अकोइजम ने विरोध जताया, लेकिन इस मुद्दे पर उनके कार्यालय ने कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया.