'हमारी इजाजत के बिना कोई एक्शन नहीं': बुलडोजर न्याय पर SC का बड़ा फैसला
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार अब 1 अक्टूबर तक बुलडोजर एक्शन पर रोक लग गई है. हालांकि, कोर्ट ने साफ किया कि सड़क, फुटपाथ या रेलवे लाइन को रोककर किए गए अवैध निर्माण पर यह निर्देश लागू नहीं होगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह सभी पक्षों को सुनकर बुलडोजर कार्रवाई को लेकर देश भर में लागू होने वाले दिशा निर्देश बनाएगा.

देशभर में बुलडोजर कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट में अब इस मामले की अगली सुनवाई 1 अक्तूबर को होगी. कोर्ट का कहना है कि अगली सुनवाई तक हमारी इजाजत लेकर ही एक्शन लें.
सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि सुनवाई की अगली तारीख 1 अक्टूबर तक भारत में कहीं भी संपत्ति का विध्वंस अदालत की अनुमति के बिना नहीं होगा, लेकिन स्पष्ट किया कि यह आदेश सार्वजनिक सड़कों, फुटपाथों सहित अन्य पर किसी भी अनधिकृत निर्माण पर लागू नहीं होगा.
बुलडोजर न्याय नहीं; अखिलेश यादव
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि 'बुलडोजर न्याय नहीं हो सकता. यह असंवैधानिक था, लोगों को डराने के लिए था. बुलडोजर जानबूझकर विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए था. मैं इस निर्देश के लिए सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद देता हूं जिसने बुलडोजर को रोक दिया है. 'सीएम, यूपी सरकार और बीजेपी के लोगों ने 'बुलडोजर' का महिमामंडन किया जैसे कि यह न्याय है. अब, जब सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है, तो मुझे लगता है कि बुलडोजर बंद हो जाएगा और न्याय अदालत के माध्यम से आएगा.'
पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने क्या कहा?
पिछली सुनवाई में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि बुलडोजर न्याय में लिप्त होना देश के कानूनों पर बुलडोजर चलाने का समान है. न्यायालय ने कहा था कि बुलडोजर चलाना कानून के विरुद्ध है और कहा था कि अपराध में संलिप्त होना संपत्ति को ध्वस्त करने का आधार नहीं है.