यमन में फंसी निमिषा प्रिया को कैसे मिलेगी रिहाई? पहले भी मौत की सजा से बचकर कई भारतीय पहुंचे देश
यमन में फंसी केरल की निमिषा प्रिया इन दिनों मौत की सजा का सामना कर रही हैं. हालांकि उन्हें अपने देश वापस लाने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं. उन्हें इस सजा से बचाया जा सकता है. इससे पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं. जिसकी जानकारी हम आपको देने आए हैं.

केरल के पलक्कड़ की रहने वाली नर्स निमिषा प्रिया यमन इन दिनों हत्या मामले में मौत की सजा काट रही हैं. हालांकि उन्हें इस सजा से बचाया जा सकता है. इससे पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं. जहां ब्लड मनी के तहत आरोपियों को सजा मिलने से बचाया गया है. आइए जानते है कि आखिर ये मामला है क्या? और कैसे सजा से बचाया जा सकता है.
हत्या का लगा आरोप
दरअसल निमिषा पर यमन के रहने वाले अब्दो महदी की हत्या का आरोप लगा है. अब्दो निमिषा का बिजनैस पार्टनर भी रह चुका है. वहीं ये मामला यमन की अदालत के पास पहुंचा और अदलात ने साल 2020 में मौत की सजा सुनाई थी. नीमिषा ने महदी पर शारीरिक, मानसिक और वित्तीय शोषण का आरोप लगाया था.
वहीं 2020 में विदेश मंत्रालय ने कहा कि वो निमिशा को हर संभव मदद देने का प्रयास कर रहा है. उसके परिवार और मेहदी के परिवार के साथ बातचीत के लिए धन जुटाने के लिए 2020 में गठित सेव निमिशा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल अब बातचीत में आगे बढ़ने की उम्मीद कर रहे हैं जिससे उसे माफ़ी मिल सकती है. इस प्रक्रिया को ब्लड मनी के तहत किया जा सकता है. दरअसल इस्लामी कानून में यदि पड़िक परिवार के बदले अपराधी को माफ करने के विकल्प को चुनता है तो पीड़ित को माफी मिल सकती है. निमिशा प्रिया की रिहाई के लिए ब्लड मनी के भुगतान का मामला मृतक के परिवार और निमिशा प्रिया के परिवार के बीच का है.
पहले भी मिल चुकी है मृत्युदंड से माफी
जानकारी के अनुसार इससे पहले भी कई भारतिय नागरिकों को कुछ मामलों में माफी दी गई है. इसके कई मामले सामने आ चुके हैं. कई बार 'ब्लड मनी के तहत पीड़ित परिजनों से मुलाकात कर उन्हें भुगतान किया जाता है. ऐसा ही एक मामला कोझिकोड के रहने वाले अब्दुल रहीम के साथ हुआ था. रहीम सऊदी अरब में ड्राइवर के तौर पर काम करता था.
आपको बता दें कि रहीम को साल 2006 में एक घटना के दौरान मौत की सजा सुनाई गई थी. उसके ऊपर 15 वर्षीय नाबालिक की हत्या का आरोप था. हालांकि तब से लेकर अब तक 18 सालों से रहीम जेल की सजा काट रहा है. हालांकि साल 2023 में पीड़ित परिवार ने रहीम को माफ करने पर सहमति जताई थी. अब तक क्राउंड फंडिंग के जरिए 34 करोड़ रुपये देने के लिए जुटा लिए गए हैं. वहीं एक अंतिम आदेश का इंतजार किया जा रहा है. जिसके बाद रहीम को रिहाई मिल सकती है.
2024 में मिली थी रिहाई
ऐसा ही एक मामला साल 2022 अगस्त में भी सामने आया था. जहां एक मामले में भारत के आठ नौसेना कर्मियों के गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद उन्हें साल 2023 में मौत की सजा सुनाई गई थी. इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने हस्तक्षेप किया उन्होंने कहा कि इस सजा से उन्हें गहरा सदमा लगा है. विदेश मंत्रालय ने आरोपियों के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें आश्वासित किया कि सरकार उनकी रिहाई के संभव प्रयास करेगी. विदेश मंत्रालय ने इस मामले में अपील दायर की थी और कतर की अपीलीय अदालत ने उन्हें जेल की सज़ा सुनाते हुए उनकी मौत की सज़ा कम कर दी थी. जिसके बाद आखिरकार उन्हें 2024 की शुरुआत में रिहा कर दिया गया.
हत्या के आरोप में गिरफ्तार
इसी तरह केरल के रहने वाले एक शख्स बेक्स कृष्णन को भी हत्या मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी. साल 2013 में उन्हें सजा सुनाई गई थी. आबू धाबी की जेल में उन्होंने करीब 9 साल तक बिताए, और केरल लौट आए थे. जानकारी के अनुसार उन्होंने पीड़ित के परिवार को पीड़ित के परिवार को 500,000 दिरहम का भुगतान किया था. जिसके कारण उनकी रिहाई हुई और केरल में वापसी हुई.