केजरीवाल की जमानत से हिजाब मामले तक...ये हैं जस्टिस संजीव खन्ना के 5 बड़े फैसले; बनने वाले हैं CJI
सुप्रीम कोर्ट के जज संजीव खन्ना जल्द ही चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया का पदभार संभालने वाले हैं. DY चंद्रचूड़ का कार्यकाल इस साल समाप्त होने वाला है. जिसके बाद CJI के पद पर संजीव खन्ना को नियुक्त किया जाएगा.

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट के जज संजीव खन्ना जल्द ही चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया का कार्यभार संभालने वाले हैं. उनके नाम की सिफारिश केंद्र सरकार से सीजीआई चंद्रचूड़ ने की है. हालांकि संजीव खन्ना केवल 6 महीने के लिए कार्यभार संभालने वाले हैं. दरअसल इस साल 10 नवंबर को CJI चंद्रचूड़ का कार्यकाल समाप्त होने वाला है.
ऐसे में उनके कार्यकाल के समाप्त होते ही 6 महीनों के लिए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया का पद संजीव खन्ना संभालने वाले हैं. आज हम आपको संजीव खन्ना से जुड़ी कुछ अहम 10 बड़ी जानकारी देने आए है. जिसका जानना आपको जरुरी है.
कानून से है पुराना नाता
संजीव खन्ना का कानून से पुराना नाता है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं. क्योंकी उनके पिता और चाचा दोनों ही दिल्ली की एक अदालत में जज के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. उनका जन्म साल 1960, 14 मई को हुआ था. स्कूली शिक्षा की अगर बात करें तो दिल्ली में बाराखंबा में स्थित मोर्डन स्कूल से उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी करते हुए DU के लॉ कॉलेज से डिग्री हासिल की है.
केजरीवाल की जमानत पर फैसला
आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सुनवाई मामले में चीफ जस्टिस संजीव खन्ना में अरविंद केजरीवाल को प्रचार के लिए जमानत देने का फैसला लिया था. इसी के साथ-साथ बिलकिस बानो के मामला भी उनके पास आया था तो दो दोषियों पर सुनवाई करते हुए इस पर सुनवाऊ से इंकार किया था. इसके चलते दोषियों ने याचिका वापस लिया था.
हिजाब विवाद में रही अहम भूमिका
देशभर में हिजाब बैन को लेकर काफी विवाद पहले भी देखने को मिल चुका है. वहीं सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान संजीव खन्ना की बेंच ने मंबई कॉलेज द्वारा जारी सर्कुलर पर रोक लगाने का फैसला सुनाते हुए छात्रों के पक्ष की बात रखी थी. वहीं डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम के मामले में पंजाब सरकार की ओर से एक याचिका लगाई गई थी. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए संजीव खन्ना की बेंच ने इसे खारिज किया था. पीठ ने तब कहा था कि याचिका में पर्याप्त योग्यता नहीं है.
श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर अहम फैसला
वहीं श्रीकृष्ण जन्मभूमि- शाही ईदगाह मामले में भी उनकी अहम भूमिका रही है. इस दौरान हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी. जिसके तहत हिंदू श्रद्धालुओं द्वारा दायर दो मुकदमों में मस्जिद समिति के खिलाफ एकपक्षीय कार्यवाही करने का निर्देश दिया गया था
हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट का सफर किया तय
साल 1997 में उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में अपनी कई सालों तक सेवाएं दी थी. लेकिन इसके बाद उन्हें प्रमोट करते हुए सुप्रीम कोर्ट का कार्यभार संभालने की जिम्मेदारी दी गई. उनके साथ-साथ छह अन्य न्यायधधीशों को हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट में प्रमोट किया गया था. इस लिस्ट में जस्टिस सैयद अब्दुल नजीर, जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई, जस्टिस लोकेश्वर सिंह पंटा, जस्टिस जीपी माथुर, जस्टिस रूमा पाल और जस्टिस एसएस कादरी का नाम शामिल है.
साल 2004 में संजीव खन्ना को स्टैंडिंग काउंसिल फॉर द गवरमेंट ऑप नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ दिल्ली के लिए नियुक्त किया गया था. दिल्ली में कई क्षेत्रों में संजीव खन्ना ने अपनी सेवाएं दी हैं. इनमें इंकम टैक्स डिपार्टमेंट, कंपनी कानून, भूमि कानून, पर्यावरण कानून और चिकित्सा में लापरवाही जैसे क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दी हैं.