बिहार चुनाव पर नेहा सिंह राठौर का ट्वीट वायरल, बीजेपी के चार उम्मीदवारों को कैसे मिले लगभग बराबर वोट?
नेहा सिंह राठौर के एक वायरल ट्वीट में उन्होंने स्क्रीनशॉट शेयर किया है, जिसमें बीजेपी के चार उम्मीदवार को एक समान वोट मिले हैं. उनके पोस्ट के बाद लोग चुनावी प्रक्रिया, ईवीएम से लेकर बूथ-वाइज वोटिंग पैटर्न तक कई संभावित कारणों पर अपनी-अपनी राय रख रहे हैं
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में एनडीए की सरकार को बहुमत हासिल हुई है. इस जीत के बाद वोट चोरी की लहर आग की तरह दौड़ रही है, जहां अब आग में घी डालने का काम मशहूर फोक सिंगर नेहा सिंह राठौर के एक स्क्रीनशॉट ने किया है. दरअसल उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट किया है.
इस पोस्ट में उन्होंने सवाल पूछा है कि आखिर बीजेपी के चार नेताओं को इतने ‘मिलते-जुलते’ वोट कैसे मिले? इस ट्वीट ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी. लोग आंकड़ों पर नजरें गड़ा कर यह समझने की कोशिश करने लगे कि क्या वाकई कोई अनोखी समानता है, या फिर यह महज संयोग है.
चार नेता, चार सीटें, सभी को समान वोट
नेहा राठौर के इस पोस्ट के कैप्शन में लिखा है 'धक्कामुक्की नहीं…सबको बराबर-बराबर मिलेगा.' उन्होंने जिन चार बीजेपी प्रत्याशियों का जिक्र किया, उनके आंकड़े कुछ इस तरह हैं-
- सम्राट चौधरी: 1,22,480 (+ 45,843)
- विजय कुमार सिन्हा: 1,22,408 (+24,940)
- नीरज कुमार सिंह: 1,22,491 (+ 16,178)
- कृष्ण कुमार ऋषि: 1,22,494 (+45,296)
पहली नजर में ही चारों के वोट 1.22 लाख के आसपास दिखाई दिए, जैसे चुनाव नहीं, कोई मैचिंग नंबर गेम हो रहा हो. यही वजह थी कि नेहा का ट्वीट तेजी से वायरल हो गया और लोग इस “संयोग” पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं देने लगे.
सोशल मीडिया में उठे सवाल
इस ट्विट पर कई लोगों ने सवाल भी उठाए. जहां एक यूजर ने लिखा ' नेहा जी, ईसीआई की असली साइट पर हर सीट का अपना टर्नआउट होता है, पर आपकी फोटो में हर सीट पर.‘1224xx’ जैसा कॉपी-पेस्ट वोट! लगता है यह डेटा मतगणना केंद्र से नहीं, किसी फोटो एडिटर की लैब से निकला है. चुनाव आयोग पर सवाल ठीक है, बस स्क्रीनशॉट ऐसे लगें. जैसे ईसीआई से आए हों, न कि ‘CTRL+C, CTRL+V Department’ से. वहीं, दूसरे यूजर ने कमेंट करते हुए लिखा ' अगर भगवान श्री राम आकर भी बोलेंगे की बीजेपी वोट चोरी करती है तो अंध भक्त भगवान को भी देशद्रोही पता कर उनका विरोध करेंगे.' एक ने चुटकी लेते हुए कहा 'ये चुनाव कम, मैथ्स का प्रैक्टिकल ज़्यादा लग रहा है. सबके मार्क्स बराबर रखने की पूरी कोशिश की गई है.'





