8 महीने में वर्ल्ड टूर का प्लान, नौसेना की दो महिला अधिकारी करेंगी यात्रा
गांधी जयंती 2 अक्तूबर के दिन भारतीय नौसेना की दो महिला अधिकारी विश्व भर में एक कठिन नौकायन अभियान की शुरुआत करेंगी. इसकी कमान लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए और लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना संभालेंगी. जिसमें वे आठ महीनों में लगभग 21,600 समुद्री मील (लगभग 40,000 किमी) की यात्रा करेंगी.

Navy Officers News: भारतीय सेना के जवान अपनी जान पर खेलकर भी देशवासियों की रक्षा करते हैं. थल सेना, वायु सेना या जल सेना तीनों का भारत के विकास में अहम योगदान रहा है. उनके बहादुरी के किस्से युवाओं के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन जाते हैं. अब महिलाएं अधिकारी भी अपनी बहादुरी के लिए विश्व में अपनी ताकत दिखाती नजर आ रही हैं. इस बीच खबर सामने आई है कि नौसेना की दो महिला यात्री 8 महीने में पूरे विश्व की यात्रा करने वाली हैं.
जानकारी के अनुसार गांधी जयंती 2 अक्तूबर के दिन भारतीय नौसेना की दो महिला अधिकारी विश्व भर में एक कठिन नौकायन अभियान की शुरुआत करेंगी. इसकी कमान लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए और लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना संभालेंगी. जिसमें वे आठ महीनों में लगभग 21,600 समुद्री मील (लगभग 40,000 किमी) की यात्रा करेंगी. इस यात्रा के दौरान उन्हें उच्च समुद्र, विषम मौसम की स्थिति और तीन महान अन्तरियों का सामना करना पड़ेगा. आपको इस कार्यक्रम को नौसेना के एडमिरल दिनेश त्रिपाठी हरी झंडी दिखाएंगे.
नाव में बढ़कर करेंगी यात्रा
सोमवार को नौसेना के स्टाफ के सह नौसेना प्रमुख वाइस एडमिरल कृष्णा स्वामीनाथन ने बताया कि ये ऑफिसर नाव पर बैठकर दुनिया का चक्कर लगाएंगी. अभियान सफल होने पर दोनों ऑफिसर यह उपलब्धि हासिल करने वाले भारत के पहले व्यक्ति होंगे. इस अभियान की कल्पना पहली बार नौसेना ने 2017 में नविका सागर परिक्रमा के उद्घाटन संस्करण के साथ की थी, जो छह अधिकारियों के एक महिला दल द्वारा दुनिया की पहली भारतीय परिक्रमा थी. पिछले तीन वर्षों से, दोनों नौसेना अधिकारी, जो 30 के दशक में हैं और सैन्य परिवारों से हैं, इस नौकायन अभियान की तैयारी कर रहे हैं, जिसे गोवा में नौसेना महासागर नौकायन नोड, आईएनएस मंडोवी से हरी झंडी दिखाई जाएगी.
लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा का बयान
लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ने कहा कि यह आठ महीने की एक असाधारण यात्रा होगी. उन्होंने कहा कि वे लगभग तीन वर्षों से प्रशिक्षण ले रहे हैं, उन्होंने अपनी तैयारियों पर भरोसा जताया. वहीं संभावित चुनौतियों को साझा करते हुए लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना ने कहा कि उन्हें बिना किसी बाहरी सहायता के कम से कम 21,600 समुद्री मील की यात्रा करनी होगी, तथा पूरी तरह से एयर एनर्जी पर निर्भर रहना होगा. उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि यात्रा मार्ग में केप ल्यूविन, केप हॉर्न और केप ऑफ गुड होप का चक्कर लगाना शामिल होगा.