महिला टीचर की शर्मनाक हरकत ने बंद करवा दिया स्कूल, 8 साल के छात्र के प्राइवेट पार्ट पर छिड़का था Colin Spray
Nallasopara News: नालासोपारा के हावर्ड इंग्लिश स्कूल की एक शिक्षिका ने 8 साल के बच्चे के प्राइवेट पार्ट पर कॉलिन स्प्रे कर दिया. स्कूल हावर्ड इंग्लिश स्कूल जो तीन साल से बच्चों को पढ़ा रहा था, दरअसल एक औरंगाबाद स्थित किसी अन्य स्कूल के नाम पर ट्रांसफर सर्टिफिकेट (LC) जारी कर रहा था.

Nallasopara News: हाल ही में मुंबई के एक स्कूल से महिला टीचर की शर्मनाक हरकत सामने आई थी. उस पर एक छात्र को अपनी अश्लील फोटो भेजने का आरोप था. अब नालासोपारा स्थित हावर्ड इंग्लिश स्कूल की एक शिक्षिका निदाह निजाउद्दीन अपनी हरकत को लेकर चर्चा में हैं. उसने कुछ ऐसा किया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.
जानकारी के अनुसार, निदाह निज़ाउद्दीन पर आरोप है कि उन्होंने एक 8 साल के बच्चे के प्राइवेट पार्ट पर कॉलिन स्प्रे कर दिया. यह घटना 23 जुलाई को सामने आई. जब पीड़ित छात्र के माता-पिता को इस घटना की जानकारी मिली, तो उन्होंने स्कूल से औपचारिक माफी की मांग की और पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई.
जांच में चौंकाने वाला खुलासा
पीड़ित छात्र के माता-पिता की शिकायत के बाद, पुलिस स्कूल पहुंची और जांच शुरू कर दी. इस दौरान पता चला कि स्कूल हावर्ड इंग्लिश स्कूल जो तीन साल से बच्चों को पढ़ा रहा था, दरअसल एक औरंगाबाद स्थित किसी अन्य स्कूल के नाम पर ट्रांसफर सर्टिफिकेट (LC) जारी कर रहा था. इससे स्कूल की मान्यता और पंजीकरण को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए. इस पूरे मामले पर पालघर जिला परिषद ने तहसील स्तर पर जांच के आदेश दिए.
स्कूल बंद करने का नोटिस
शिक्षा विभाग ने स्कूल को तुरंत बंद करने का आदेश जारी किया है. 'मुंबई मिरर' की रिपोर्ट के अनुसार, पालघर जिला माध्यमिक शिक्षा अधिकारी ने कहा, स्कूल को बंद करने का नोटिस दिया गया है और जांच प्रक्रिया जारी है. अगर स्कूल फिर भी चालू पाया गया, तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी. गुरुवार 31 जुलाई को इस मामले के संबंध में एक बैठक भी होने वाली है.
पीड़ित छात्र की मां ने कहा, मैं संतुष्ट हूं कि विभाग ने इतनी जल्दी कदम उठाया. मुझे अपने बेटे के लिए न्याय चाहिए और मैं नहीं चाहती कि किसी और परिवार को इस तरह का अनुभव करना पड़े. जांच पूरी होने के बाद हम आगे का निर्णय लेंगे. बता दें कि खबर से सामने आते ही लोग गुस्से में आ गए सोशल मीडिया और आसपास के इलाकों में जमकर विरोध किया गया. एक यूजर ने लिखा, अगर शिक्षक इस तरह सोचते और कार्य करते हैं, तो वे उस पद के लिए लायक नहीं हैं.